जवाब है नहीं। ज़रूर एक सवाल उठा है लेकिन ऐसा कोई रिसर्च नहीं है। आप ऐसे देखिए। पिछले साल आक्सीजन सिलेंडर की मारामारी नहीं थी सब भी ब्लैक फ़ंगस था। उसके कुछ साल पहले से भी यह बीमारी है।
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भारत के ही दो चिकित्सकों ने रिसर्च पेपर लिखा था जिसमें बताया है कि दुनिया में ब्लैक फ़ंगस के जितने केस होते हैं उससे सत्तर फ़ीसदी अधिक अकेले भारत में होते हैं। तब तो इंडस्ट्रियल आक्सीजन को लेकर मारामारी नहीं थी। ज़रूर रिसर्च होना चाहिए।
हर अस्पताल का हो कि और क्या क्या वजह रही होगी जिससे मरीज़ मरे हैं। लेकिन ये पुलिस वाली जाँच रिपोर्ट नहीं हो सकती है। जो दो हफ़्ते में आ जाए। डॉक्टर अपना रिसर्च करें और देखें। फ़िलहाल इसे एक सवाल से ज़्यादा न देखें।
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इसके जो जानकार डॉक्टर हैं उनका कहना है कि उपलब्ध साक्ष्य और तर्कों के आधार पर यह सवाल भी ग़लत है। पीएम केयर्स के वेंटिलेटर के ख़राब होने से किसी की जान तो नहीं गई, इसका अध्ययन होना चाहिए।