नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ पुलिस ने ‘टूलकिट’ मामले पर संबित पात्रा को पूछताछ के लिए बुलाया था, संबित ने छत्तीसगढ़ पुलिस से फिलहाल सात दिनों का समय मांगा है, वहीं अब इस मामले में ही कल पूर्व सीएम रमन सिंह से पूछताछ होगी.
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बता दें कि कांग्रेस की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई ने रायपुर में टूलकिट मामले को लेकर रमन सिंह और पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, इसमें एआईसीसी रिसर्च डिपार्टमेंट लेटरहेड पर कथित रूप से झूठा और मनगढ़ंत कंटेंट छापने का आरोप लगाया गया है.
गौरतलब है कि एनएसयूआई के एफआईआर दर्ज कराने के बाद रायपुर पुलिस ने संबित पात्रा को आज शाम 4 बजे रायपुर के सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट करने को कहा था, पुलिस ने संबित को थाने में व्यक्तिगत या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित होने के लिए कहा था.
लेकिन अब संबित पात्रा ने पुलिस के सामने पेश होने के लिए सात दिनों का समय मांगा है, बताया जा रहा है कि अगर अब सात दिनों के भीतर संबित पुलिस के सामने पेश नहीं होते हैं, तो रायपुर पुलिस उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है.
रायपुर पुलिस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को 24 मई यानी कल दोपहर साढ़े 12 बजे अपने घर पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं, बताया जा रहा है कि पुलिस उनके घर पर ही उनसे पूछताछ करेगी, दरअसल, सिविल लाइन थाने में रमन सिंह और संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज है.
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बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ‘टूलकिट’ का इस्तेमाल कर कोरोना वायरस संकट के वक्त फायदा उठाकर पीएम नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल कर रही है, विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, कांग्रेस ने इन आरोपों को फेक बताया था, किसी भी तरह की टूलकिट के इस्तेमाल से इनकार किया है.
एनसएयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा की शिकायत पर 19 मई को सिविल लाइंस थाने में ‘फर्जी खबर फैलाने’ और ‘वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने’ का मामला दर्ज किया गया था, शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने नकली लेटरहेड का उपयोग करके मनगढ़ंत कंटेंट प्रसारित किया.
शर्मा ने आरोप लगाया कि इस फर्जी कंटेंट को फैलाने का उद्देश्य कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों की मदद करने में मोदी सरकार की भारी विफलता से ध्यान हटाना था, आईपीसी की धारा 469, 504 , 505 (1) (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था.