नई दिल्ली : राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के गुरू हजरत उस्मान हारुनी का उर्स और ख्वाजा साहब की महाना छठी बुधवार को मनाई जाएगी।
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कोरोनाकाल में लॉकडाउन के बीच रस्मी तौर पर गुरु हारुनी के उर्स का आगाज आज रात दस बजे उर्स की महफिल के साथ होगा जिसकी सदारत दरगाह दीवान करेंगे। सांकेतिक तौर पर बिना वाद्य यंत्रों के कव्वाली होगी और सुबह चार बजे आस्ताना खुलने के साथ ही जन्नती दरवाजा भी खोल दिया जाएगा जो खिदमत के बाद दोपहर ढाई बजे बंद होगा। इससे पहले ग्यारह बजे कुल की महफिल तथा एक बजे कुल की रस्म के साथ ही उर्स संपन्न हो जाएगा।
इस दौरान अकीदतमंदों की अनुपस्थिति के बीच केवल चुनिंदा पासधारक खुद्दाम-ए-ख्वाजा दुआ कर देश से कोरोना मुक्ति की प्रार्थना करेंगे।
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उल्लेखनीय है कि जन्नती दरवाजे को साल मे चार बार खोले जाने की परंपरा है। यह ख्वाजा साहब के उर्स के दौरान छह दिनों के लिए तथा ईदुलफितर, ईदुलजुहा एवं ख्वाजा साहब के गुरु उस्मान हारुनी के उर्स के मौके पर खोला जाता है जिसे बुधवार सुबह खोला जाएगा। अजमेर दरगाह शरीफ में ही कल ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की महाना छठी भी मनाई जाएगी।