नई दिल्ली : राजस्थान में कोटा में लॉकडाउन और उसमें छूट के दौरान पुलिस की सख्ती, डंडा केवल आम आदमी के लिए ही है, लेकिन उन अपराधियों के लिए नहीं जो वारदातें करते हैं और पुलिस को गच्चा देकर भाग जाते हैं।
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कोटा में पुलिस की कड़ी कथित सुरक्षा व्यवस्था के इस ढकोसला की पोल एक बार फिर कल देर शाम उस समय खुल गई जब शहर के अनंतपुरा थाने में तीन-चार कुख्यात अपराधी एक प्रॉपर्टी डीलर के घर में घुसकर उसकी हत्या करने और उसके पुत्र को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल करने के बाद तमाम नाकाबंदी के बीच एक कार में सवार होकर भागने में सफल हो गए और पुलिस को इस बात की भनक तक नहीं मिली।
सूत्रों ने बताया कि अनंतपुरा जैसे इलाके में जहां कोटा- झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित है, वहां हत्या की गंभीर वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधियों का भाग निकलना यह साबित करता है कि पुलिस की सारी सावधानी-सावचेतिया और डंडा आम आदमियों के लिए है, अपराधियों के लिए नहीं जो गंभीर वारदातों को अंजाम देने के बाद पुलिस की नाकेबंदी के बीच अपनी महंगी कारों से निकल जाते हैं और पुलिस को भनक तक नहीं ली क्योंकि पुलिस के निचले दर्जे के कर्मचारियों का जोर महंगी कारों को रोकने की जगह दुपहिया वाहन सवारों पर रहता है।
ऐसे में यदि इन पुलिस वालों को कोई दुपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट, लाइसेंस, गाड़ी के कागजात के मिल जाए तो सोने में सुहागा है क्योंकि यही लोग तो वह ‘मक्खन हैं जिन से घी’ निकाला जा सकता है। कार वाला तो किसी बड़े नेता- अफसर की पुलिस वालों से बात करवा कर निकल लेगा।
पुलिस का दावा है कि राज्य सरकार की ओर से लगाई गई लॉक डाउन की पाबंदियों के चलते कोटा शहर में 75-80 से भी अधिक विभिन्न स्थानों पर 24 घंटे नाकेबंदी की जा रही है और कोटा शहर की सीमा में झालावाड़, बारां, बूंदी, चित्तौड़गढ़ आदि जिलों से आने वाले वाहनों के प्रवेश पर कड़ी निगरानी रखने के लिए चौकी स्थापित कर और बैरिकेडिंग करके वाहनों की जांच की जा रही है,
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लेकिन कल शाम ढलने के बाद कोटा झालावाड़ के व्यस्ततम राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित अनंतपुरा की सुभाष कॉलोनी में कुछ बदमाशों ने घर में घुसकर एक प्रॉपर्टी डीलर की गोली मारकर हत्या कर दी जबकि उसके पुत्रों को गंभीर रूप से घायल करने के बाद अपनी महंगी कार में बैठ कर पुलिस की नाकेबंदी के बीच होकर निकल गए और पुलिस को इसका भनक तक नहीं लगी।