नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार की ओर से विदेशों में छवि चमकाने के लिए हो रहे वैक्सीन निर्यात के खिलाफ भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस ने ‘आप’ कार्यकर्ताओं को भाजपा मुख्यालय के बाहर रोक लिया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वैक्सीन का निर्माण हमारे देश के वैज्ञानिकों ने किया है और इस पर देश के 130 करोड़ लोगों का पहला हक है। कोरोना की वजह से काम-धंधे चैपट हो रहे हैं और लोगों की मौतें हो रहीं हैं, फिर भी मोदी सरकार सबको वैक्सीन देने की बजाय वाह-वाही लूटने के लिए दूसरे देशों को निर्यात कर रही है।
हमारी मांग है कि वैक्सीन को नियंत्रण मुक्त कर सभी को उपलब्ध कराई जाए, ताकि लोग कोरोना से बच सकें और देश की अर्थ व्यवस्था को बेहतर किया जा सके।
ये भी पढ़ें : क्या पत्रकार ही पत्रकार के दुश्मन बन गए?
आम आदमी पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कोरोना की वैक्सीन विदेशों में निर्यात करने के खिलाफ आज भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय पर विरोध-प्रदर्शन किया। आज सुबह पार्टी मुख्यालय पर बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता एकत्र हुए और ‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज के नेतृत्व में दोपहर करीब 12ः05 बजे भाजपा मुख्यालय के लिए कूच किए।
आम आदमी पार्टी के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस पहले से ही अलर्ट थी और भाजपा मुख्यालय की बैरिकेडिंग कर दी थी। जब बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा मुख्यालय के करीब पहुंचे, तब पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
इसके बाद ‘आप’ कार्यकर्ता भाजपा मुख्यालय के सामने सड़क पर ही बैठ गए और कोरोना की वैक्सीन को दूसरे देशों में निर्यात करने का विरोध प्रदर्शन करते हुए भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह वैक्सीन भाजपा के कार्यालय में नहीं बनाई गई है। भाजपा के कार्यालय में कोई वैज्ञानिक नहीं है। हमें पता है कि ये कितने पढ़े-लिखे लोग हैं और न तो यह वैक्सीन प्रधानमंत्री के कार्यालय के अंदर ही बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन मेरे देश के वैज्ञानिकों ने बनाई है और मेरे देश के 130 करोड़ लोगों के लिए वैक्सीन बनाई है। आज हमारे देश में कोरोना के मामले पूरे संसार में सबसे ज्यादा है। हम पूरे संसार में बदनाम हो रहे हैं कि हमारे देश में कोरोना बढ़ रहा है। कोरोना बढ़ने की वजह से लोगों के काम धंधे ठप्प हो रहे हैं।
कोरोना की वजह से लोगों की मृत्यु हो रही है। इसके बावजूद हमारी केंद्र सरकार क्या कर रही है? केंद्र की मोदी सरकार 68 देशों के अंदर वैक्सीन का निर्यात कर रही है। यह वैक्सीन इसलिए निर्यात की जा रही है, ताकि केंद्र सरकार की और प्रधानमंत्री की विदेशों में वाह-वाही हो सके।
उन्होंने आगे कहा कि हमें प्रधानमंत्री की वाह-वाही से कोई ऐतराज नहीं है। हमारा ऐतराज यह है कि देश का जो नागरिक है, देश में जो 18 से 45 साल के युवा हैं, जो आदमी रोज घर से निकलता है, बस, ट्रेन और मेट्रो में सफर करता है और काम-धंधा करता है। उसकी घर से बाहर जाने की मजबूरी है, क्योंकि उसको अपना परिवार पालना है।
वह हमारे देश की अर्थ व्यवस्था चला रहा है। वह हमारे देश की जीडीपी चला रहा है। वह रोज घर से बाहर जाएगा और रोज पचासों लोगों से मिलेगा, इसके बाद घर आकर वह दुबारा कोरोना फैलाएगा। वह सुपर स्प्रेडर का काम कर रहा है। उस नागरिक को भी कोरोना की वैक्सीन लेने का पूरा हक है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान से पहले उसे वैक्सीन लेने का हक है। कहा जा रहा है कि कोरोना 15 साल से कम उम्र के बच्चों पर अधिक हमला कर रहा है। हम सभी के घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं। क्या उन बच्चों को हक नहीं है कि उनको कोरोना की वैक्सीन मिले, बजाय इसके कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान को मिले।
ये भी पढ़ें : लेख : आपदा, विपदा, विभाजन, अवसरों से गुज़रते हुए मुन्जाल परिवार ने बनाई हीरो साइकिल : रवीश कुमार
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम सिर्फ केंद्र सरकार से यह कहना चाहते हैं कि हमारे देश में वैक्सीन उपलब्ध है, तो इसको सबके लिए खोला जाए। आपको मलेरिया, पोलियो, टीबी या टायफाइड की वैक्सीन चाहिए होती है, तो आप केमिस्ट के पास जाकर लगवा लेते हैं।
उसी तरह, कोरोना की वैक्सीन केमिस्ट के पास क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई है? वैक्सीन को साधारण डाॅक्टर्स के पास क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई है? केंद्र सरकार सभी को वैक्सीन उपलब्ध कराए। वैक्सीन को कोई खा तो नहीं जाएगा।
केमिस्ट के पास वैक्सीन उपलब्ध होने पर वो सभी को लग जाएगी और लोगों के अंदर इम्युनिटी आ जाएगी। लोग कोरोना से बच जाएंगे और पूरे देश की अर्थ व्यवस्था बेहतर हो जाएगी।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वैक्सीन पर जो नियंत्रण किया गया है, इस बारे में केंद्र सरकार बता नहीं पा रही है कि आखिर क्यों नियंत्रित किया गया है। केंद्र सरकार ने टेस्टिंग के अंदर भी इसी तरह तीन महीने तक किया था कि सिर्फ केंद्र सरकार के अस्पतालों में टेस्टिंग होगी।
केंद्र सरकार ही सिर्फ टेस्टिंग किट खरीद सकती है, राज्य सरकार किट नहीं खरीद सकती हैं। केंद्र सरकार बताएगी कि किस प्राइवेट अस्पताल के अंदर टेस्ट हो सकता है। इस तरह के नियंत्रण की वजह से देश भर में कोरोना बढ़ा था। आज टेस्टिंग जगह-जगह हो रही है और आप कहीं पर भी जाकर टेस्ट करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना की वैक्सीन भी अन्य वैक्सीन की तरह साधारण तरीके से हर जगह उपलब्ध होनी चाहिए और लोगों का हक है कि उन्हें यह वैक्सीन लगनी चाहिए। इसके उपर जो नियंत्रण है, उसका कोई तार्किक कारण केंद्र सरकार नहीं बता पा रही है। केंद्र सरकार कह रही है कि हम उसे वैक्सीन देंगे, जिनको आवश्यक है।
हम उन्हें वैक्सीन नहीं देंगे, जो चाहते हैं, लेकिन यह कौन तय करेगा कि वैक्सीन की किसको जरूरत है और किसको नहीं जरूरत नहीं है। यह केंद्र सरकार के अंदर बैठे बाबू और केंद्र सरकार के नेता तो नहीं तय कर सकते हैं कि किसको जरूरत है और किसको नहीं है।
जबकि आईएमए भी कह रहा है कि वैक्सीन सभी को दीजिए, तो केंद्र सरकार को आईएमए की बात को सुननी चाहिए। इसके अंदर केंद्र सरकार को हठ नहीं करनी चाहिए।