नई दिल्ली : अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में अनिल देशमुख के मुद्दे पर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है.
सामना में लिखा है कि देशमुख को अलग न्याय, येदियुरप्पा को अलग न्याय, सामना में लिखा है, विपक्ष के पास कोई सबूत ना होते हुए केवल हवा हावी आरोप कर राज्य सरकार को बदनाम करने की साज़िश की जा रही है.
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सामना में लिखा है, अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपो के मामले में एक न्याय और सीएम येदियुरप्पा को दूसरा ये कैसे ? सामना में लिखा है की अनिल देशमुख पर आरोपों के हवाई फायर होने के दौरान उच्च न्यायालय ने उनकी सीबीआई जांच का आदेश दिया.
उसी समय कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा पर लगे भ्रष्टाचार के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें राहत दी है, सर्वोच्च न्यायालय ने येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के मामलों में स्थगनादेश दे दिया है, मतलब देशमुख को अलग न्याय व येदियुरप्पा को अलग न्याय.
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सामना में लिखा महाराष्ट्र में विपक्ष रोज उठकर ‘आज इस मंत्री को डुबाएंगे, कल उस मंत्री की ‘विकेट’ गिराएंगे’, ऐसा बयान देता है, केंद्रीय जांच एजेंसियां हाथ में नहीं होतीं तो उनकी ऐसी बेसिर-पैर की बातें करने की हिम्मत ही नहीं हुई होती, राज्य को बदनाम करने का यह षड्यंत्र है.
इससे पहले महाराष्ट्र में विपक्ष ने सत्ताधारियों पर आरोप लगाकर धूल उड़ाई है, कई बार मंत्री और मुख्यमंत्रियों को जाना पड़ा है, परंतु उनमें आज के विपक्ष जैसा द्वेष और जहर भरा नहीं था, विपक्ष के हाथ में सचमुच कुछ प्रमाण था इसलिए हंगामा किया, आज साबुन के बुलबुले उड़ाकर ‘बम-बम’ ऐसी दहशत निर्माण की जा रही है.