नई दिल्ली : हरिद्वार कुम्भ में आने वाले लोगों के लिए अब आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई है, हाईकोर्ट ने सीएम तीरथ सिंह रावत द्वारा इस रिपोर्ट को ना लाने के निर्णय को पलट दिया है.
मुख्य सचिव ने HC में कहा है कि कोविड-19 रिपोर्ट को अनिवार्य कर रहे हैं, HC ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि केंद्र की सीओपी का पालन हर संभव तरह कराया जाए, HC ने मेलाधिकारी को आदेश दिया है कि कुम्भ के अधूरे काम जल्द कराएं.
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मेलाधिकारी उच्च अधिकारियों के साथ ज्वाइंट निरीक्षण कर 30 मार्च तक रिपोर्ट कोर्ट में फाइल करें, वहीं 31 मार्च की सुनवाई में मुख्य सचिव और सचिव वित्त को छूट देते हुए मेलाधिकारी दीपक रावत और आईजी कुम्भ संजय गुंजियाल को कोर्ट में पेश रहने के आदेश दिया है.
HC ने कहा कि महिलाओं के स्नान घाट में सरकार सुनिश्चित करें कि कोई वीडियो या फोटोग्राफी ना हो, बुधवार को HC में सरकार ने कुम्भ क्षेत्र के निरीक्षण की रिपोर्ट पेश की जिस पर कोर्ट ने सुधार करने की आवश्यकता बताई है.
आपको बता दें कि दुष्यंत मैनाली और सचिदानंद डबराल ने जनहित याचिका दाखिल कर कोरोना की रोकथाम की मांग की है, जिस पर HC सुनवाई कर रहा है, कोर्ट ने मॉनिटरिंग के लिए सभी जिलों में जिला निगरानी कमेटी का गठन किया है तो हाई HC कुम्भ को लेकर चिंतित भी है,बता दें कि उत्तराखंड में इसी महीने कुंभ का मेला शुरू हुआ है.
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पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से पहले कुंभ में आने वाले लोगों के लिए सख्ती का ऐलान किया गया था और नेगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य किया गया था, हालांकि, जब तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली तो उन्होंने साफ कहा कि कुंभ में कोई पाबंदी नहीं होगी.
तीरथ सिंह रावत ने कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट की पाबंदी को भी हटा दिया था, इस फैसले की काफी निंदा हुई थी, बता दें कि बीते कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, उत्तराखंड में भी इसका असर दिखा है.
सामान्य दिनों में जहां राज्य में कोरोना के नए मामले 50 से कम आ रहे थे, वहीं अब ये संख्या प्रति दिन 100 केस के करीब पहुंच गई है, राज्य में अब कोरोना के करीब 1000 एक्टिव केस हैं,