नई दिल्ली : मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज राष्ट्रीय शोषित परिषद् की नव निर्मित बिल्डिंग उद्घाटन किया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहब डाॅ. अंबेडकर के सपनों को पिछले 70 सालों में सिर्फ कुचला गया और हम लोग उनके सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार एक तरफ दलित समाज के बच्चों निशुल्क शिक्षा दे रही है और दूसरी तरफ उनके लिए रोजगार का भी इंतजाम करने की कोशिश कर रही है। पिछले 70 साल से एक षणयंत्र के तहत दलितों व गरीबों को अनपढ़ रखा गया, ताकि वे गरीब के गरीब रह जाएं।
बाबा साहब डॉ. अंबेडकर ने संविधान के अंदर बराबरी का हक दिया है, लेकिन अभी तक वे सारे अधिकार नहीं मिले हैं। बाबा साहब ने कहा था कि दलित समाज को सबके साथ बराबरी और उत्थान करना है, तो उसकी चाभी केवल शिक्षा है।
हम उस चाभी को पकड़ कर सभी को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना के तहत दलित बच्चों के कोंचिंग का खर्च उठा रही है और बिना किसी गारंटी और सिक्युरिटी लिए 10 लाख रुपए तक लोन दे रही है।
यह लड़ाई बहुत लंबी है और अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना है। सभी लोगों के साथ मिलकर हम इस रास्ते को तय करेंगे।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज राष्ट्रीय शोषित परिषद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय शोषित परिषद और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष जय भगवान धन्यवाद दिया।
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उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शोषित परिषद पिछले 40 सालों से देशभर में शोषित समाज, दलित समाज के लिए देश के कोने कोने में जाकर उनकी आवाज बनी है और उनके लिए काम कर रही है। उन्होंने अभी तक जो कुछ भी किए, उसके लिए बधाई देता हैं, लेकिन संघर्ष बहुत लंबा है और यह संघर्ष चलता रहेगा।
मैं उम्मीद करता हूं कि यह भवन एक दिन पूरे देश के दलित समाज के संघर्ष का मुख्यालय बनेगा। जिस उम्मीद के साथ यह बनाया गया, वह सारी उम्मीदें और आशाएं पूरी करेगा।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि मेरा जय भगवान के साथ तो बहुत पुराना संबंध है। जब वो पूर्व पीएम बीपी सिंह से मिलने जाया करते थे, तब जय भगवान से भी अलग से मिला करते थे और ये हमें गाइड किया करते थे।
तब मैं दिल्ली में सुंदर नगरी की झुग्गियों के अंदर एनजीओ के माध्यम से काम किया करता था। ये पूर्व प्रधानमंत्री के साथ थे, लेकिन कभी भी इनके मन में अहंकार नहीं था।
उन दिनों में हमें कोई नहीं जानता था। लेकिन जय भगवान जितने प्यार और स्वभाव के साथ मिलते थे, उसी से उनके व्यक्तित्व और बड़प्पन का पता चलता है।
सीएम केजरीवाल ने कहा, जय भगवान जी ने कहा कि दलित समाज का पूरा परिवार आपके साथ है, इसके लिए मैं बहुत खुद को बहुत भाग्यशाली समझता हूं कि जिस तरह से दलित समाज ने आम आदमी पार्टी को अपनाया है।
आम आदमी पार्टी कोई अलग नहीं है। आम आदमी पार्टी आपकी पार्टी है, दलितों की पार्टी है, दबे-कुचलों की की पार्टी है, गरीबों की पार्टी है, जिसका कोई नहीं है उसकी आम आदमी पार्टी है और यह सिर्फ कहने के लिए नहीं है।
अक्सर देखा गया कि 70 साल के अंदर दूसरी पार्टियों ने वोट मांगने के समय आपके पास आते हैं और जीतने के बाद बड़े-बड़े पूंजीपतियों के लिए काम करते हैं। 5 साल उनकी गोद में बैठे रहेंगे और वोट के समय आपके पास आएंगे। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। हमने 5 साल आप के लिए ही काम किया।
पहले बाहर संघर्ष करते थे और अब अंदर भी संघर्ष कर रहे हैं। जैसा कि जय भगवान जी ने कहा कि थोड़ा सा प्यार आप हमें भी दो, तो मैं कहना चाहता हूं कि काश! मैं अपना दिल चीर कर आपके सामने रख सकता। हमारे प्यार मे कोई कमी नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह समस्या 70 साल की है। जैसा कि राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि यह 70 साल की समस्या नहीं, बल्कि यह 3 हजार साल की समस्या है। जिसको बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने संविधान के अंदर बराबरी का हक देने की कोशिश की।
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उन्होंने संविधान में लिख तो दिया, लेकिन अभी तक मिला नहीं है। पहले जब हमने सरकार में नहीं थे और सुंदन नगरी और नंद नगरी की झुग्गियों के अंदर काम काम किया करते थे, तब हम सरकार के पास जाते थे और उनसे काम करने की मांग करते थे। लेकिन सरकार कुछ नहीं करती थी।
तब हमें लगता यह लगता था कि सरकार की नियत खराब है और दूसरा यह लगता था कि बड़ा मुश्किल होता होगा, जो ये 70 साल से नहीं कर पाए। ये 70 साल से स्कूल ठीक नहीं कर पाए, अस्पताल नहीं ठीक कर पाए और पानी-बिजली नहीं ठीक कर पाए, तो बड़ा मुश्किल होता होगा।
अब जब हम सरकार में आकर पिछले 5 साल में कर दिया तो हमें लगता है कि इनकी तो नियत ही खराब थी। यह हो तो सकता था। पिछले 70 साल बिल्कुल षणयंत्र के तहत जानबूझकर गरीबों को अनपढ़ रखा गया।
इस देश को गरीब रखा गया, यह षड्यंत्र था। मेरे पिताजी चीफ इंजीनियर के पद से रिटायर हुए, वे सरकारी स्कूल में पढ़े थे। आज टाॅप के जितने आईएएस और आईपीएस अफसर मिलेंगे, वे सारे सरकारी स्कूलों से पढ़े हुए मिलेंगे। एक समय ऐसा था, जब इस देश में सरकारी स्कूल हुआ करते हैं।
सारे नेता, सारे अधिकारी, सारे उद्योगपति सरकारी स्कूलों से निकलते थे। जानबूझ कर धीरे-धीरे करके सारे सरकारी स्कूलों को बंद करते जा रहे हैं और उनका भट्ठा बैठाते जा रहे हैं। अब दूसरे राज्यों में सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग तक नहीं बची है। पांच साल पहले तक दिल्ली में भी यही हालत थे।
जानबूझ कर सरकारी स्कूलों को खराब किया गया और प्राइवेट स्कूलों को बढ़ाते गए। ताकि गरीब तबका गरीब का गरीब रह जाए। गरीब का बच्चा गरीब रह जाए, दलित का बच्चा दलित रह जाए और अमीरों के बच्चे अमीर बनते जाएं। यह केवल एक सामाजिक नहीं, बल्कि इसके अंदर आर्थिक और राजनीतिक एजेंडा भी है।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि यह नहीं कहूंगा कि मैंने पांच साल में बहुत बड़ी क्रांति कर दी। 5 साल कुछ नहीं होता है। 70 साल में इन्होंने जो कबाड़ा कर रखा था, वह 5 साल में नहीं हो सकता है। लेकिन पिछले पांच साल के अंदर दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आई है।
बाबा साहब अंबेडकर की पूरी जिंदगी से काफी प्रेरणा मिलती है। वे इतने गरीब परिवार से आते हैं। इसके बावजूद उन्होंने डबल डॉक्टरेट की। उन्होंने दो पीएचडी की और वह भी विदेशों से की। मैं चुनौती देता हूं कि आज की तारीख में विदेश से कोई एक भी पीएचडी कर के दिखा दे।
विदेश से क्या, कोई अपने देश से ही पीएचडी करके दिखा दे। उन्होंने यह पीएचडी स्काॅलरशिल लेकर की। उन्होंने अपनी जिंदगी में पूरे समाज के लिए बार-बार एक ही बात कही कि अगर अपने को सबके साथ बराबरी करनी है और समाज का उत्थान करना है, तो उसकी चाबी एक ही है शिक्षा।
बाबा साहब की उस चाभी को हम लोगों ने पकड़ लिया है। आज हम पूरे दिल से मानते हैं कि दलित समाज को इस देश में आगे बढ़ाना है, उसे तरक्की करानी है और अगर गरीब तबके के दबे कुचले व्यक्ति को तरक्की का अधिकार देना है, तो उसका एक ही तरीका शिक्षा है।