लखनऊ (यूपी) : यूपी सरकार ने प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्र’वियों से जुर्माना वसूलने का रास्ता साफ कर दिया है.
यूपी विधानसभा में सोमवार को यूपी लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक-2021 पास हो गया, सपा ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी.
धरना प्रदर्शन के दौरान उग्र प्रदर्शन में सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने की पुष्टि होने पर 5000 से एक लाख रुपये तक जुर्माना भरना पड़ेगा.
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सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार की मंशा सरकारी और निजी संपत्तियों की रक्षा करना है, इसीलिए यह विधेयक लाया गया है.
अधिसूचना जारी होने के बाद प्रदेश में राजनीतिक जुलूसों, प्रदर्शन, हड़ताल, कामबंदी और आंदोलन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाना भारी पड़ेगा.
केंद्र, यूपी सरकार, स्थानीय प्राधिकरण, स्थानीय निकाय, निगम, राज्य अधिनियम द्वारा स्थापित संस्थाओं को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकेगा.
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने संबंधी प्रस्ताव पर कहा कि इसके बहाने सरकार आंदोलन पर रोक लगाना चाहती है, बसपा के लालजी वर्मा ने कहा कि सरकार विधेयक बहुत तेजी से लाती है और बहुत तेजी से वापस भी लेती है.
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गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में नागरिक संशोधन कानून के विरोध में लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुआ था.
जिसमें करोड़ों की सरकारी और सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था, जिसके बाद यूपी सरकार ने अध्यादेश लाकर नुकसान प्रावधान किया था, अब इस विधेयक को सदन से पारित कराया गया है.