प्रयागराज (यूपी) : छोटी नदियां- ताल तलैया बचाओ अभियान, प्रयागराज द्वारा विषय प्रयागराज की ससुर खदेरी के संरक्षण पर संवाद कार्यक्रम जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने अपने शिविर, त्रिवेणी रोड, झूंसी थाने के निकट, माघ मेला में आयोजित गोष्ठी में संबोधित किया.
छोटी छोटी नदी और ताल तलैया में भारतीय नागरिकों की आत्मा हैं। हमें अपनी सरस्वती रूपी मां की रक्षा के लिए आगे आना होगा।मां संकट में है,नागरिकों का कर्तव्य है आगे बढ़कर नदी और तालाबों को पुनर्जीवित करें।
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रिवरमैन ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा ससुर खदेरी नदी नाला नहीं नदी है उसे बचाने के लिए हर नागरिक को संकल्प लेना होगा। लुप्त होती ससुर खदेरी एवं तालाबों पर आगामी अभियान पर परिचर्चा में भाग लेते हुए प्राचार्य कौंधियारा डिग्री कालेज डॉ मणि शंकर द्विवेदी ने कहा ससुर खदेरी नहीं सहित गांव के तालाब लुप्त हो रहे है उसके जिम्मेदार हम सब नागरिक है।
सोचनीय विषय है नदियों और तालाबों को संरक्षित करना होगा तभी मानव जीवन बच पायेगा।इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डॉ राहुल सिंह ने कहा छोटी छोटी नदियां बची रहेगी तभी बड़ी नदी गंगा रह पाएगी। ससुर खदेरी नदी के किनारे के निवासी एडवोकेट लेखराज सिंह ने कहा बचपन में नदियों में नौकाविहार का आनंद लेते थे।
मेरा गांव ससुर खदेरी नदी दो तरफ से घिरा हुआ था आज भूमाफिया ने नदियों को पाटकर नाला बना दिया है अब पानी ही नही रह गया। कानपुर के नामी कलाकार अजय त्रिपाठी द्वारा लिखी विकास के मायने पुस्तक का विमोचन स्वामी जी के करकमलों हुआ। कार्यक्रम का संचालन दिनेश तिवारी ने किया।
दिनेश तिवारी ने कहा कि शहर पश्चिमी के सभी 12 गांव में चौपाल लगा कर जनजागरण किया जाएगा। 5 विकास खण्ड क्षेत्र के 80 किलोमीटर में बसे लगभग 100 गांव वासियों को जनजागृति कर ससुर खदेरी नदी को पुनर्जीवित कर नया आयाम स्थापित करेंगे।
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इस मौके पर प्रभाकर सिंह,जफर सिपाही, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज डॉ श्रीष कुमार तिवारी, राजेश शर्मा संयोजक नमामि गंगे, कृष्णानंद त्रिपाठी, इंद्र कुमार सिंह, रवि कुमार राठौर,बीडी पांडे,धनंजय सिंह, प्रभाकर त्रिपाठी, अरविंद त्रिपाठी, डॉक्टर सुधीर सिंह, विनय कुमार कनौजिया, विष्णु विहारी तिवारी.
इंजीनियर संजय शेखर पांडे, डॉ दीपमाला सिंह,धनंजय सिंह, शुभम सिंह, नितेश कुशवाहा,दिनेश शुक्ला, मोनू पांडे, राजकुमार शुक्ला,दुर्गेश तिवारी, गरिमा मिश्र, पूनम सिंह, डॉ राहुल पटेल, अवनीश कुमार,आनंद हर्षित यादव आदि ने परिचर्चा में भाग लिया और संकल्प लिया कि ससुर खदेरी नदी को बचाने के लिए हर संभव लड़ाई और आंदोलन में सहभागिता करेंगे।