नई दिल्ली : खट्टर सरकार ने किसान आंदोलन के मद्देनजर सोनीपत और झज्जर में इंटरनेट बैन की समय सीमा को एक बार फिर बढ़ा दिया है.
खट्टर सरकार ने अब 6 फरवरी शाम 5 बजे तक इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया है, इस दौरान यहां वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं, एसएमएस सेवाओं और मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को बंद करने की अवधि 6 फरवरी, 2021 शाम 5 बजे तक के लिए बढ़ा दी है.
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बता दें कि इससे पहले बुधवार को खट्टर सरकार ने पानीपत और चरखी दादरी में इंटरनेट सुविधाओं को बहाल कर दिया था, जबकि गुरुवार को कैथल, जींद और रोहतक को बैन के दायरे से बाहर कर दिया था.
हालांकि इससे पहले 17 जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई थी, जिसमें अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा शामिल थे.
इन जिलों में वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट की सभी सेवाएं 30 जनवरी, 2021 शाम 5 बजे तक के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया था.
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किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा में इंटरनेट सेवा बैन करने का मामला अब कोर्ट पहुंच गया है, सीनियर वकील आरएस बैंस ने बताया की इंटरनेट सेवाएं बंद होने से वकीलों ने ही आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि जिस तरह से इंटरनेट सेवाएं कई दिन से लगातार बंद चल रही हैं.
इस वजह से उन्हें न्यायालय के बीच ऑनलाइन सुनवाई में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही ज्यादा दिन तक इंटरनेट बंद करने को लेकर भी सवाल खड़े किए गए हैं जिसमें न्यायालय द्वारा सरकार से जवाब तलब किया गया है कि आखिर किन आधारों के ऊपर इतने दिन तक इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं.
इंटरनेट सेवाएं बंद करने के बीच सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी गाइडलाइन जारी की गई है कि अगर सेवाएं कई दिन तक बंद की जाती है तो उसमें एक कमेटी बनाकर 7 दिन के बाद पूरी स्थिति को रिव्यू करना होता है.
अब हरियाणा सरकार सोमवार को जवाब दाखिल करेगी जिसमें न्यायालय की तरफ से सरकार को नोटिस जारी किया गया है.