नई दिल्ली : तीनों नए कृषि बिलों के लेकर दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को एक महीने से ज्यादा हो गया है, जैसे-जैसे दिन बढ़ रहे हैं किसानों का आंदोलन उग्र हो रहा है.
किसान यूनियनों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, हालांकि अब तक सभी वार्ता असफल ही रही है.
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किसानों के समर्थन में राजनेताओं के इस्तीफा का सिलसिला अब भी जारी है, पूर्व सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने शनिवार को बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है.
हरिंदर सिंह खालसा ने कृषि के विरोध में किसानों, उनकी पत्नियों और बच्चों की पीड़ा के प्रति पार्टी नेताओं और सरकार द्वारा दिखाई गई संवेदनहीनता के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
राकेश टिकैत ने कहा कि समाधान निकालना किसान के हाथ में नहीं है, समाधान सरकार निकालेगी, किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन कर रहे हैं, किसान हारेगा तो सरकार हारेगी और किसान जीतेगा तो सरकार जीतेगी.
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हरिंदर सिंह खालसा ने 2014 आप के टिकट पर फतेहगढ़ साहिब लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, इस चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की थी.
लेकिन, इसके बाद आप नेतृत्व से उनकी नहीं बनी, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी नेता स्व, अरुण जेटली की मौजूदगी में खालसा ने बीजेपी का दामन थाम लिया था.