गाजियाबाद (यूपी) : गाजियाबाद के इंदिरापुरम की रहने बाली रफत परवीन जिंदगी की जंग हार कर भी चार लोगों को नया जीवन दे गई, रफत परवीन को 19 दिसंबर को तेज सिर दर्द की शिकायत के बाद वैशाली के मैक्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि वह ऐन्युरिज्म़ से पीड़ित थीं, यानी दिमाग की एक रक्त वाहिनी से खून निकल रहा था और वह दिमाग के दूसरे हिस्सों तक पहुंच रहा था, जटिल बीमारी के चलते रफत परवीन की हालत लगातार बिगड़ रही थी, डॉक्टरों ने रफत परवीन का ब्रेन डेड घोषित कर दिया.
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गुरुवार रात को वैशाली मैक्स अस्पताल से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दिल्ली साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में दिल लाया गया, जहां उत्तराखंड के रहने वाले 56 वर्षीय रफत परवीन को दिल प्रत्यारोपित किया गया.
बताया जा रहा है कि रफत परवीन की मौत के बाद उनके परिजनों ने अंगदान का फैसला किया था, परिवार की सहमति के बाद डॉक्टरों ने राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन को इसकी जानकारी दी.
इसके बाद साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों को रफत परवीन के अंग प्रत्यारोपित करने का फैसला किया.
रफत परवीन के शरीर से दिल, दोनों किडनी और लिवर निकाला गया, मैक्स, वैशाली से साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के बीच पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया और दोनों अस्पतालों के बीच की 23,8 किलोमीटर की दूरी को सिर्फ 18 मिनट में तय कर लिया गया.
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रफत परवीन की किडनी गाजियाबाद में ही किडनी की बीमारी से पीड़ित 37 वर्षीय महिला को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया, महिला के लिवर को 59 साल की दिल्ली की एक महिला को लगाया गया.
दूसरी किडनी को गुरुग्राम के आर्टिमिस अस्पताल में भर्ती मरीज को प्रत्यारोपित किया गया है, वैशाली से गुरुग्राम तक की दूरी 45 मिनट में तय की गई है.
रफत परवीन के दिल को साकेत के मैक्स अस्पताल में भर्ती 56 साल के मरीज में प्रत्यारोपित किया गया, उत्तराखंड का यह मरीज काफी दिनों से गंभीर रूप से बीमार था.