नई दिल्ली : तीनो नए कृषि बिलों की वापसी को लेकर दिल्ली में किसानों का आंदोलन जारी है, इस बीच हरियाणा पुलिस ने 13 किसानों के खिलाफ ह’त्या और दं’गे के प्रयास का मामला दर्ज किया है, सीएम पर हमले का है.
इन किसानों ने अंबाला में मोदी सरकार के नए कृषि कानून का विरोध करते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर के काफिले को रोक कर काले झंडे दिखाए थे और लाठियां भी चलाई थीं, सीएम खट्टर आगामी निकाय चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने के लिए शहर में आए थे.
पुलिस ने 13 किसानों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 (दं’गा), 148 (दं’गाई, घा’तक हथि’यार से लैस), 149 (किसी भी गैरकानूनी गि’रोह के किसी सदस्य द्वारा किया गया अपराध), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवा को बाधित करना) के तहत किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
इसके साथ ही आईपीसी की धारा 307 (ह’त्या का प्रया’स), 353 (हम’ला या आपरा’धिक बल लोक सेवक को उसके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए) और धारा 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) भी लगाई है.
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हरियाणा में इस समय में अंबाला, पंचकूला और सोनीपत नगर निगम के अलावा कई नगर परिषदों और पालिकाओं के चुनाव की प्रक्रिया जारी है, इसी के चलते मंगलवार को भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार के उद्देश्य से सीएम खट्टर अंबाला में पहुंचे थे.
अंबाला में सबसे पहले उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक ली और इसके थोड़ी देर बाज जनसभा को संबोधित करने के लिए निकले थ, ठीक उसी वक्त किसान मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और उन्होंने सीएम के काफिले को रोक लिया.
सीएम खट्टर के अंबाला आने की खबर लगने के साथ ही किसानों ने प्रदर्शन की तैयारी कर ली थी और इसी के चलते मंगलवार सुबह से ही शहर में स्थित नई अनाज मंडी में किसान इकट्ठा होना शुरू हो गए थे.
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सीएम के अंबाला पहुंचने के खबर के साथ ही किसानों ने कार्यक्रम स्थल की ओर कूच कर दिया और रास्ते में ही सीएम के काफिले को घेर लिया.
हरियाणा कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करके सारी हदें पार कर दी हैं, कुमारी शैलजा ने कहा कि बीजेपी सरकार किसानों की आवाज को लगातार दबा रही है.
लोगों का इस सरकार पर से भरोसा उठ गया है, यही वजह है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को किसानों ने काले झंडे दिखाए, उन्होंने कहा कि पहले भी राज्य सरकार ने किसानों के खिलाफ दमनकारी कार्रवाई की थी, तब भी उन्होंने पूछा था कि काले झंडे दिखाना हत्या का प्रयास कैसे है, उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को तुरंत वापस लेना चाहिए.