हरियाणा सरकार ने अपने विभागों में कार्यरत खिलाड़ियों को व्यवसायिक और पेशेवर प्रतिबद्धताओं से होने वाली उनकी कमाई का एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद में जमा कराने को कहा है जिसकी एथलीट कड़ी निंदा कर रहे हैं.
हरियाणा सरकार के 30 अप्रैल, 2018 को जारी फ़रमान के अनुसार, बिना वेतन की छुट्टी के दौरान पेशेवर खेलों और विज्ञापन की अपनी कमाई का एक तिहाई (33 फीसदी) हिस्सा सरकार को देना होगा. हरियाणा सरकार के खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने ये निर्देश जारी किया है. आदेश में यह भी कहा गया है कि काम के दौरान कोई भी पेशेवर खेलों में हिस्सा लेता है या कोई भी विज्ञापन करता है, तो उसकी पूरी कमाई राज्य के खेल परिषद में जमा करवानी होगी, जिसका उपयोग राज्य में खेलों के विकास के लिए किया जाएगा.
सरकार के फ़रमान का हरियाणा के खिलाड़ियों ने विरोध कर दिया है. खिलाड़ियों की मांग है कि सरकार को अपना फैसला पुनर्विचार कर वापस लेना चाहिए. कुश्ती खिलाड़ी बबीता फोगाट ने विरोध दर्ज कराते हुए कहा, ‘क्या सरकार को यह पता है कि एक खिलाड़ी कितनी कड़ी मेहनत करता है? सरकार आय का एक तिहाई हिस्सा कैसे मांग सकती है? मैं इसका बिल्कुल समर्थन नहीं करती हूं. सरकार को कम से कम हमारे साथ एक बार चर्चा ज़रूर करनी चाहिए थी.