नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है, हालांकि इस बीच किसान संगठनों और मोदी सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है.
इस बीच, दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि वे सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन विरोध नहीं छोड़ेंगे.
टिकरी बॉर्डर पर विरोध कर रहे एक किसान ने कहा कि हम बातचीत के और दौर के लिए तैयार हैं.
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मोदी सरकार अब sc की मदद ले रही है, ताकि उनके अहंकार को चोट न पहुंचे, साथ ही कहा कि टेबल की बातचीत को लाइव टेलीकास्ट किया जाए.
आपको बता दें कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन को हटाने संबंधी याचिका पर गुरुवार को sc में सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस, ए, बोबड़े, जस्टिस ए, एस, बोपन्ना और जस्टिस रामासुब्रमणियन की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम आज कानूनों की वैधता पर कोई निर्णय नहीं लेंगे.
हम केवल विरोध के अधिकार और देश में कहीं भी मुक्त आवाजाही के अधिकार पर निर्णय लेंगे, इसके साथ पीठ ने कहा कि अगर किसान और सरकार वार्ता करें तो विरोध-प्रदर्शन का उद्देश्य पूरा हो सकता है और हम इसकी व्यवस्था कराना चाहते हैं.
sc ने कहा कि हम किसानों के विरोध-प्रदर्शन के अधिकार को सही ठहराते हैं.
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लेकिन विरोध अहिंसक होना चाहिए, अदालत ने कहा कि हम कृषि कानूनों पर बने गतिरोध का समाधान करने के लिए कृषि विशेषज्ञों और किसान संघों के निष्पक्ष और स्वतंत्र पैनल के गठन पर विचार कर रहे हैं.
sc में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई अभी टल गई है, अदालत में किसी किसान संगठन के ना होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो किसानों से बात करके ही अपना फैसला सुनाएंगे.
आगे इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी, sc में सर्दियों की छुट्टी है, ऐसे में वैकेशन बेंच ही इसकी सुनवाई करेगी.