नई दिल्ली : सौरभ भारद्वाज ने BJP शासित एमसीडी में सक्रीय बिल्डिंग डिपार्टमेंट माफिया का आज पर्दाफांस किया, उन्होंने कहा कि बिल्डिंग का लेंटर डालने के बदले रिश्वत लेते हुए BJP के एक पार्षद दस लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़े गए.
सीबीआई ने गलती से रिश्वत लेते हुए BJP पार्षद को पकड़ा था और इसीलिए सीबीआई ने यह बात सभी से छिपा दी, सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी ने बिल्डिंग बायलाॅज को जानबूझ कर बहुत जटिल बनाया है.
इसलिए किसी के लिए भी नियमानुसार बिल्डिंग बनाना आसान नहीं है, ईमानदार से ईमानदार व्यक्ति को भी मकान बनाने के लिए एमसीडी को रिश्वत देनी ही पड़ती है, इसके अलावा कोई विकल्प ही नहीं है.
उन्होंने कहा कि एमसीडी का बिल्डिंग डिपार्टमेंट माफिया बेलदार से लेकर पार्षद तक चलता है, उन्होंने BJP से सवाल करते हुए कहा कि BJP बताए कि पार्षद जो करोड़ों रुपए इकट्ठा करके लाते हैं, वे उस पैसे को किस-किस को देते हैं.
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BJP के भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए शुरू की गई BJP-181 मुहिम के तहत BJP की सातवीं लूट की स्कीम का खुलासा करते हुए भारद्वाज ने कहा कि BJP की इस स्कीम के तहत नगर निगम के तमाम अधिकारी और BJP के निगम पार्षद एक गिरोह के रूप में काम करते हैं.
जिस प्रकार से एक कंपनी या माफिया का गिरोह काम करता है, BJP की लूट की इस स्कीम में भी नगर निगम के संरक्षण तले बिल्डिंग माफिया काम करता है.
उन्होंने कहा कि यह गिरोह इतना संगठित है कि जानबूझकर दिल्ली के रिहायशी इलाकों में मकान बनाने को लेकर जो नियम कानून बनाए गए हैं, वह इतने मुश्किल बनाए गए हैं कि उन कानूनों के तहत यदि कोई व्यक्ति दिल्ली में घर बनाना चाहे तो वह असंभव है.
भारद्वाज ने कहा कि मैं दिल्ली की एक विधानसभा का विधायक होने के नाते पूरी जिम्मेदारी के साथ इस बात को कह रहा हूं कि यदि आपको दिल्ली में अपना मकान बनाना है.
तो आप चाहे कितने ही इमानदार क्यों न हो, आप चाहे कितने ही कानून पालक क्यों न हो, बिना एमसीडी को पैसा दिए आप अपना घर बना ही नहीं सकते, आपके पास घर बनाने के लिए कोई दूसरा रास्ता है ही नहीं.
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उन्होंने बताया कि नगर निगम ने क्षेत्र के हिसाब से मकान बनाने के एवज में ली जाने वाली रकम तय की हुई है, उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मैं ग्रेटर कैलाश क्षेत्र में रहता हूं, उस क्षेत्र में यदि किसी को अपना मकान बनाना है, तो एक लिंटर डालने के लिए नगर निगम को 2.5 लाख रुपए की रिश्वत देनी पड़ती है.
अर्थात यदि आपको चार लिंटर डालने हैं तो 10 लाख रुपए की रिश्वत नगर निगम को देनी पड़ेगी, इस भ्रष्टाचार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस रिश्वत के पैसे को लेने के लिए नगर निगम में कार्यरत कच्ची नौकरी वाले बेलदारों को भेजा जाता है.
क्योंकि यदि पकड़ा भी गया तो कोई अधिकारी या BJP का नेता नहीं फंसेगा, उन्होंने कहा कि एक बेलदार की इतनी हिम्मत हो ही नहीं सकती कि वह किसी व्यक्ति से मकान बनाने के एवज में 10 लाख रुपए की रिश्वत मांग सकें.
यदि मान भी लिया जाए कि वह रिश्वत लेता है, तो ऐसा कैसे हो सकता है कि BJP के क्षेत्रीय निगम पार्षद, नगर निगम में बैठे जे.ई. एवं ए.ई. तथा अन्य अधिकारियों को इस बात की जानकारी ही नहीं होती, सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यदि आप पैसे नहीं दोगे, तो आपके घर का निर्माण रुकवा दिया जाएगा.
नगर निगम की ओर से आप को नोटिस भेजा जाएगा, आपके घर की सीलिंग कर दी जाएगी, आपके घर की बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए जाएंगे, अर्थात व्यक्ति को इतना डरा दिया जाता है कि उसके पास पैसे देने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता बचता ही नहीं है.
साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि पैसे की उगाही करने के लिए सामान्य तौर पर स्थानीय दलालों या नगर निगम में कार्यरत बेलदारों का इस्तेमाल किया जाता है.