नई दिल्ली : संविधान दिवस के मौके पर PM मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए वन नेशन-वन इलेक्शन देश की जरूरत बताया, उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं है बल्कि देश की आवश्यकता भी है.
उन्होंने कहा कि कोविड के इसी समय में हमारी चुनाव प्रणाली की मजबूती भी दुनिया ने देखी है, इतने बड़े स्तर पर चुनाव होना.
समय पर परिणाम आना, सुचारु रूप से नई सरकार का बनना, ये इतना भी आसान नहीं है, हमें हमारे संविधान से जो ताकत मिली है, वो ऐसे हर मुश्किल कार्यों को आसान बनाती है.
PMने इस अवसर पर लोकसभा, विधानसभा या पंचायत चुनावों के लिए केवल एक मतदाता सूची का उपयोग किए जाने की वकालत की.
ये भी पढ़ें : लेख : किसान आंदोलन पर मोदी सरकार आंख पर पट्टी बांधे रखी है
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए रास्ता बनाना होगा, हम इन सब पर समय और पैसा क्यों बर्बाद कर रहे हैं?’’ उन्होंने संसद और विधानसभाओं के डिजिटलीकरण पर भी बल दिया और इस दिशा में कदम उठाने को कहा.
उन्होंने कहा, ‘‘ डिजिटाइजेशन को लेकर संसद में और कुछ विधानसभाओं में कुछ कोशिशें हुई हैं लेकिन अब पूर्ण डिजिटाइजेशन का समय आ गया है.’
उन्होंने कहा कि जिस तरह ‘‘केवाईसी- नो योर कस्टमर’’ डिजिटल सुरक्षा की कुंजी है, उसी तरह ‘‘केवाईसी-नो योर कांस्टिट्यूशन’’, संवैधानिक सुरक्षा की बड़ी गारंटी हो सकता है.
इसके अलावा PM ने कानून को लेकर भी अपने विचार रखे, उन्होंने कहा कि कानूनों की भाषा इतनी सरल और आसान होनी चाहिए कि आम से आम इंसान भी उसे आसानी से समझ सके.
ये भी पढ़ें : कैप्टेंसी के टास्क में दो परिवारों में बंटा घर, जैस्मिन-रुबीना की दोस्ती में दिखा तनाव
उन्होंने कहा, यह संविधान हम भारतवासियों ने खुद को दिया है, तो यह सुनिश्चित करना होगा कि इसके तहत लिए गए हर फैसले, हर कानून से एक आम आदमी सीधा संबंध महसूस करे.
इसके अलावा समय के साथ जो कानून अपना महत्व खो चुके हैं उनको हटाने की भी प्रक्रिया आसान होनी चाहिए.
PM मोदी ने कहा कि संविधान की रक्षा में न्यायपालिका की काफी बड़ी भूमिका है, पीएम बोले कि 70 के दशक में इसे भंग करने की कोशिश की गई.
लेकिन संविधान ने ही इसका जवाब दिया, इमरजेंसी के दौर के बाद सिस्टम मजबूत भी होता गया, उससे हमें काफी कुछ सीखने को मिला है.