नई दिल्ली : कोविड-19 का कहर दिल्ली में आफत बनकर टूट रहा है, कोविड-19 से हुईं मौतों का सामने आया आंकड़ा खासा डराने वाला है.
यह आंकड़ा अब तक हुईं सबसे ज़्यादा मौतों का है, बीते 5 महीनों में से कोई भी एक महीना ऐसा नहीं है जिसमें ज़्यादा मौतें हुई हों.
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लेकिन नवंबर के 23 दिन में हुईं मौतों ने सभी 5 महीनों को पीछे छोड़ दिया है, वहीं बीते 4 दिनों से हर रोज़ दिल्ली में कोविड-19 के चलते 100 से ज़्यादा मौतें हो रही हैं, पिछले 24 घंटे में ही 121 मौत हो चुकी हैं.
दिल्ली में अब तक कोविड-19 से हो चुकी हैं 8512 मौत
जुलाई में- 1221
अगस्त में- 481
सितंबर में- 917
अक्टूबर में- 1150
नवंबर में (23 तक)- 2001
एक्सपर्ट की मानें तो दिसंबर में हालात और भी ज़्यादा बिगड़ सकते हैं, क्योंकि ठंड में कोविड-19 का प्रकोप और भी ज़्यादा ख़तरनाक साबित हो सकता है.
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मौत के इन लगातार बढ़ते आंकड़ों पर सत्येन्द्र जैन ने अपने एक जवाब में कहा कि पराली के जलने से जो प्रदूषण हुआ था उसकी वजह से केस खराब हुए हैं.
जो कोविड-19 पीड़ित थे उनके केस काफी खराब हुए और इस वजह से डेथ रेट में इजाफा हुआ, पिछले तीन-चार दिन से प्रदूषण काफी कम है इसका प्रभाव देखने को मिलेगा और मौत कम होंगी.
आज कोविड-19 के मद्देनज़र अलग-अलग राज्यों के मौजूदा हालातों पर PM मोदी ने दिल्ली के CM समेत दूसरे राज्यों के सीएम संग वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये बात की.
CM केजरीवाल ने भी PM मोदी से कहा कि कोविड-19 के मामलों में हुई बढोतरी के कई कारण हैं, प्रदूषण भी इसका एक अहम कारण है.
केजरीवाल ने कहा कि पराली के समाधान के लिए पूसा के वैज्ञानिकों ने एक बायो डी कंपोजर बनाया है जिसका इस्तेमाल सभी राज्य कर सकते हैं.
वहीं इस पूरे मामले पर दिल्ली में सियासत भी काफ़ी ज़्यादा गर्म है, BJP ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में विफल रही है जिसके नतीजे अब देखने को मिल रहे हैं.