नई दिल्ली: आप सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय से मंगलवार को कहा कि निजी स्कूलों के फीस बढ़ाने के प्रस्तावों को मंजूरी देने संबंधी पहले के सभी आदेश जल्द ही शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे और समय-समय पर इसे अद्यतन किया जाएगा।
शिक्षा निदेशालय ने एनजीओ ‘जस्टिस फॉर ऑल’ की एक जनहित याचिका के जवाब में यह शपथपत्र दायर किया है। याचिका में निदेशालय को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए दी गई हर प्रकार की मंजूरी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे।
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दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि निदेशालय की वेबसाइट पर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के फीस संबंधी विवरण एवं उनके द्वारा दायर अनुबंध भी अपलोड किए जाएंगे। इसके अलावा संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट एवं आदेश भी अपलोड किए जाएंगे।
सरकार ने बताया कि अंतिम मंजूरी आदेश संबंधी फाइल, दस्तावेज एवं निदेशालय द्वारा पारित अन्य आदेश मुहैया नहीं कराए जा सकते, क्योंकि सूचना के अधिकार कानून के तहत यह प्रतिबंधित है।
शिक्षा निदेशालय ने एनजीओ ‘जस्टिस फॉर ऑल’ की एक जनहित याचिका के जवाब में यह शपथपत्र दायर किया है। याचिका में निदेशालय को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए दी गई हर प्रकार की मंजूरी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे।
वकील खागेश बी झा के जरिए दायर कराई गई याचिका में दावा किया गया है कि अभिभावकों को फीस बढ़ाने को लेकर निदेशालय की मंजूरी के बारे में कोई जानकारी नहीं होती, इसलिए कुछ स्कूलों ने स्थिति का फायदा उठाकर अधिक फीस वसूली है।
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सरकार ने बताया कि अंतिम मंजूरी आदेश संबंधी फाइल, दस्तावेज एवं निदेशालय द्वारा पारित अन्य आदेश मुहैया नहीं कराए जा सकते, क्योंकि सूचना के अधिकार कानून के तहत यह प्रतिबंधित है।