नई दिल्ली: SC ने कहा है कि राज्यों को कोरोना के विभिन्न पहलुओं को लेकर केंद्र की तरफ से जारी SOP को मानना होगा। अदालत ने कहा कि राज्यों को संदिग्ध या कन्फर्म मरीज को ऐंबुलेंस से लाने- ले जाने के लिए किराए की दर भी केंद्र की एसओपी के मुताबिक ही तय होनी चाहिए। SC ने साफ कहा कि कोरोना मरीजों से एंबुलेंस सर्विस के लिए मनमाना किराया नहीं वसूला जा सकता है।
अदालत ने निर्देश दिया है कि एंबुलेंस सर्विस के लिए राज्य सरकारें उचित रेट तय करें। SC ने कहा कि कोरोना मरीजों से एंबुलेंस सर्विस के लिए उचित चार्ज किया जाए।
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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि एंबुलेंस सर्विस के लिए उचित रेट लिया जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हर जिले में एंबुलेंस सर्विस हो। अदालत ने कहा कि देशभर के जिले में एंबुलेंस सर्विस उपलब्ध कराया जाए और राज्य सरकारें ये सुनिश्चित करें।
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि कोरोना के मरीजों के लिए उचित कीमत पर पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाना चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से कहा गया कि राज्यों को इसके लिए पहले से ही मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट राज्यों को इस मामले में एसओपी का पालन करने के लिए निर्देश जारी कर सकती है।