पश्चिम बंगाल: शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) देश के संघीय ढांचे को कमजोर करती है और इसे फिलहाल राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।
चटर्जी ने दिन में ‘उच्च शिक्षा के बदलाव में एनईपी की भूमिका पर राज्यपालों के सम्मेलन में भाग लेने के बाद कहा कि उन्होंने इस सम्मेलन में शास्त्रीय भाषाओं की सूची में बांग्ला को शामिल नहीं करने के केंद्र के फैसले पर विरोध जताया।
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शिक्षा मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ”फिलहाल राज्य में एनईपी लागू करने का कोई सवाल नहीं है। इस विषय पर सभी पक्षों के साथ और विचार-विमर्श की जरूरत है। हमने एनईपी के कुछ पहलुओं पर अपनी आपत्ति जताई है जिन्हें पश्चिम बंगाल को विश्वास में लिए बिना तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा, ”ए पहलू देश के संघीय ढांचे और राज्यों की भूमिका को कमजोर करते हैं। उन्होंने कहा, ”इस समय हमारा ध्यान महामारी से लड़ने पर होना चाहिए। एनईपी को लागू करने की कोई हड़बड़ी नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ”हम स्नातक पाठ्यक्रमों, बहुस्तरीय स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समान परीक्षा की अवधारणा और एम.फिल. को समाप्त करने तथा अन्य पहलुओं का समर्थन नहीं करते।
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राज्यपालों के सम्मेलन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित किया। इसमें राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने भी भाग लिया।