नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से होने जा रहा है। बार संसद में चीन का मुद्दा छाए रहने की पूरी उम्मीद है। विपक्ष इस मसले पर सरकार पर तीखे सवाल करने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार इस संवेदनशील मामले में संसद में बहस से पहले आम राय बनाने की कोशिश कर सकती है।
इसके तहत सर्वदलीय मीटिंग बुलाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है। विपक्ष को सरकार एलएसी पर मौजूदा स्थिति के बारे में बता सकती है।
सरकार के सीनियर अधिकारी के अनुसार, एलएसी पर हालात अभी संवेदनशील हैं और पल-पल हालात बदलते रहते हैं,ऐसे में संसद में सभी चीजों पर सार्वजनिक बात करना उचित नहीं होगा।
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सूत्रों के अनुसार, इसके लिए सरकार अगले एक-दो दिनोंं में विपक्षी नेताओं से संपर्क कर सकती है। न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था, उन्हें सबक सिखा गया। हालांकि, बाद में उनके इस बयान को लेकर सियासी विवाद हुआ था।
भारत का मानना है कि सीमा पर पहले हर तरह की सर्तकता जरूरी है और इस मोर्चे पर सबकुछ सेटल होने के बाद ही अब कूटनीतिक चैनल को खाेलने के विकल्प पर विचार हो सकता है।
भारत ने एक बार फिर चीन से पहले ही कह दिया है उसे दोनों देशों के समझौते के अनुरूप ही आगे बढ़ना होगा और चल रही बातचीत के दौरान उसकी हरकत से ठीक संदेश नहीं जा रहा है।
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भारत ने यह कहा कि सीमा पर हलात 1962 की तरह गंभीर है, ग्लोबल समुदाय तक सफतलापूर्वक संदेश पहुंचा दिया कि चीन किस तरह लगातार हरकत से बाज नहीं आ रहा है।
इसके बाद अमेरिका सहित कई देशों ने भारत के पक्ष में बयान भी दिये।चीन सीमा के साथ-साथ भारत के साथ माइंड गेम खेलने की कोशिश कर रहा है। भारत इस मोर्चे पर भी चीन को लगातार काउंटर कर रहा है।