उत्तर प्रदेश: गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है, अब सिर्फ एक ही फल बाजार की रौनक में चार चाँद लगायेगा, वो फल “आम” है। भारत में तकरीबन 1500 तरह की आम की क़िस्मों की खेती की जाती है और गर्मी आते ही बाज़ार में दशहरी, चौसा,अल्फांसॉस और तोता परी जैसे आम की किस्में आ जाती हैं।
इसकी एक शानदार किस्म है लंगड़ा, जो कि माध्यम आकार का, अंडाकार और हरा होता है। इसमें रेशे होते हैं,यह पकने के बाद भी हल्का कलर ही रखता है जब कि अन्य क़िस्मों में पकने के बाद रंग पूरी तरह पीला हो जाता है।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आम ज्यादातर उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में उगाया जाता है, ये आम अलग-अलग तरह की मिट्टी में और वातावरण में पैदा होते हैं।
जब हम आम की बात करते हैं तो हमेशा से जहन में एक नाम आता है जिन्होंने अपने जादुई हुनर से एक आम के पेड़ में 300 से अधिक किस्म के आम पैदा करते हैं। इस पेड़ की एक और ख़ासियत यह है कि एक ही पेड़ पर विभन्न रंगों और स्वादों के सैकड़ों किस्म के आम होते हैं।
“पदम श्री” हाजी कलीमुल्लाह खान द मैंगो मैन ऑफ मलीहाबाद
हाजी कलीमुल्लाह खान का जन्म लखनऊ के करीब मलीहाबाद में हुआ। कलीमुल्लाह खान 7 वीं कक्षा के बाद पढाई छोड़ दी और 1978 में पारिवारिक व्यवसाय फार्मिंग का काम करने लगे।
इस दौरान उन्होंने कई तरह के आम पैदा किए और उनमें से कुछ का नाम अखिलेश यादव, सचिन तेंदुलकर, सोनिया गांधी और ऐश्वर्या राय है।
इनके अलावा एक आम की किस्म है अनारकली, इसकी खासियत ये है कि एक आम के फल में दो परत होती है और दोनों के स्वाद अलग-अलग होते हैं।
पिछले साल उन्होंने एक नए किस्म के आम तैयार किया जिसका नाम “ममता” रखा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को समर्पित यह आम दिखने में काफी आकर्षक है।
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लंबे आकार के इस आम की गुठली बहुत छोटी है। इसमें काफी मात्रा में बिना रेशे का पतला गुदा है। सुनहरे पीले रंग के इस एक आम का वजन करीब एक किलो है।
कलीमुल्लाह खान साहब को उनकी इस अनोखी उपलब्धी के लिए 2008 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया। पद्मश्री के अलावा कलीमुल्लाह खान साहब को कई अन्य पुरुस्कारों से नवाज़ा जा जुका है।
जीशान अहमद खान