नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दारुल उलूम और दूसरें मदरसों के खिलाफ फेक न्यूज चलाने वाले इलैक्ट्रानिक चैनल का लाइसेंस निरस्त करने की मांग सरकार से की है।
उन्होंने फेक न्यूज चलाने की निंदा करते हुए कहा कि मदारिस-ए-इस्लामिया को इस तरह के हमलो के लिए तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कुछ मीडिया चैनलो पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले NRC के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनो पर मुस्लिम समाज पर निशाना साधने और उसके बाद कोरोना को लेकर तबलीगी जमात को बदनाम करने का साज़िश रची गई।
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उन्होंने कहा कि मीडिया के लिए यह मुद्दें पुराने हो गए तो दारुल उलूम को निशाना बनाने की साज़िश शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि एक संस्था को ही नहीं बल्कि पूरी कौम को बदनाम करने के लिए लोगों को भटकाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करेगी तो इस तरह की साज़िश रची जाती रहैंगी। और फिर यही माना जाएगा कि सरकार यह सब अपनी देख-रेख में करा रही है।
और एक टीवी न्यूज चैनल द्वारा दारुल उलूम और वक्फ दारुल उलूम को कोविड 19 का केंद्र बताए जाने पर दोनों संस्थाओं के जिम्मेदारों ने कड़ा रोष जताया है।
दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम ने उक्त इलैक्ट्रोनिक चैनल के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है, वही दारुल उलूम वक़्फ़ के मोहतमिम ने ग़लत खबर के लिए माफी न मांगने पर चैनल के खिलाफ मानहानि के दावे की चेतावनी दी है।
कोतवाली में दी तहरीर में दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि एक न्यूज चैनल के ट्विटर हैंडल पर दारुल उलूम को कोरोना का हॉट स्पॉट बताते हुए अब तक दारुल उलूम में 47 लोगों के सक्रमण की फेक न्यूज चलाई गई है।
यह खबर एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाली और समाज को तोडऩे वाली थी। इससे देश भर में दारुल उलूम से मोहब्बत रखने वाले लोगों की भावनाएं आहत हुई है।
नौमानी ने बताया कि लॉकडाउन के चलते वार्षिक परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थी। संस्था के अधिकांश छात्र अपने घरों को जा चुके है जबकि 1950 छात्र संस्था में है और यह सभी छात्र स्वास्थ्य विभाग की जांच में स्वस्थ पाए गए है।
वहीं, वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी ने भी उक्त चैनल पर चलाई गई खबर पर तथ्यों के खिलाफ है।
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कहा कि उक्त चैनल द्वारा माफी न मांगे जाने पर मानहानि का दावा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन केे चलते परीक्षाएं स्थगित होने के बाद संस्था के अधिकांश छात्र अपने घरों को जा चुके है।
संस्था के छात्रावास में इस समय केवल 415 छात्र मौजूद है। जिनकी सूची प्रशासन के पास मौजूद है, और स्वास्थ्य विभाग उन सभी की जांच कर स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र दे चुका है।