राजस्थान के कोटा से उत्तर प्रदेश के मेडिकल-इंजीनियरिंग छात्रों की वापसी के बाद नीतीश सरकार पर भी ऐसा कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है। बिहार में राजद नेता तेजस्वी यादव, प्रशांत किशोर ने सरकार से राज्य के छात्रों को वापस बुलाने की मांग की है।वहीं राज्य सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन का हवाला देकर वापसी का कदम उठाने से इनकार किया और ऐसी मांग करने वालों को कठघरे में खड़ा किया।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने शनिवार को आरोप लगाया कि नितीश सरकार उत्तर प्रदेश के बाहर फंसे मजदूरों और छात्रों के प्रति असंवेदनशील है। पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग क्षेत्रों में फंसे राज्य के मजदूर एवं छात्र अपने घर वापस आने की गुहार लगा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश गुजरात, सहित अन्य राज्य सरकारें बाहर फंसे अपने लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम कर रही है, वहीं नितीश सरकार ने राज्यवासियों को बीच मंझधार में बेसहारा छोड़ दिया है। तेजस्वी ने कहा कि दिल्ली एनसीआर से जब मजदूर उत्तर प्रदेश की मदद से वापस आने लगे तो सरकार ने कहा कि उन्हें बिहार में घुसने नहीं देंगे।
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कोटा से जब छात्र आए तो उन्होंने उनको भी बिहार में प्रवेश करने नहीं दिया और उल्टे बीजेपी सरकार से वहां के जिलाधिकारी की शिकायत भी की। वहीं बिहार सरकार ने यूपी सरकार द्वारा बसें भेजकर कोटा से छात्रों को वापस लाने से इनकार किया है।
दूसरे राज्यों को ऐसा ही कदम उठाने की सीख देने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए इसे देशव्यापी लॉकडाउन का मजाक करार दिया।राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ऐसा काम नही करेगी।
उन्होंने कहा कि बाहर फंसे राज्य के सभी लोगों को सुविधाएं बिहार सरकार दे रही है। कोरोना संक्रमण के बीच अभी उन्हें बिहार बुलाना सही कदम नहीं होगा। बेहतर यही होगा कि जो जहां पर हैं, वहीं पर थोड़ा धैर्य रखें।
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उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष ऐसे मामलों में भी सकारात्मक भूमिका नहीं निभा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद शुक्रवार को कहा था कि ऐसा कदम लॉकडाउन के उद्देश्य को ही हरा देगा और यह दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के मजदूरों के साथ अन्याय होगा।
सरकार ने कोटा प्रशासन द्वारा कोचिंग सेंटर के छात्रों और उनके अभिभावकों को उनके गृह राज्य वापस जाने के लिए पास जारी करने का विरोध भी जताया था।
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि राज्य के लोग देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं और जदयू उनका मुद्दा उठाने की बजाय लॉकडाउन के सिद्धांतों की सीख दे रही है। कई राज्य सरकारें कुछ न कुछ कर रही हैं लेकिन नीतीश ने संबंधित राज्यों के साथ बातचीत भी नहीं की। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ बैठक में यह मुद्दा नहीं उठाया।
संजय कुमार झा, बिहार के जल संसाधन मंत्री का किना है कि हमने संयम दिखाकर दूसरे देशों के मुकाबले कोविड-19 को रोका है, लेकिन यह कदम इसे क्या कमजोर नहीं करता? क्या राजस्थान सरकार ने दूसरे राज्यों से अपने सारे छात्रों को वापस बुला लिया है।