नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तीसरी बार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले हमारा ‘मंत्र जान है तो जहान है’ था लेकिन अब यह ‘जान भी जहान भी’ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन को दो हफ्ते के लिए बढ़ाने को लेकर सभी राज्यों में आम सहमति दिख रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्यों के साझा प्रयासों से कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में निश्चित रूप से मदद मिली है, लेकिन चूंकि स्थिति तेजी से बदल रही है, इसलिए लगातार सतर्कता बहुत जरूरी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए अब तक उठाए गए कदमों के असर का पता लगाने के लिए अगले 3-4 सप्ताह बहुत अहम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनौती का सामना करने के लिए टीम वर्क बहुत जरूरी है।
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पीएम ने उन्होंने लॉकडाउन के उल्लंघनों पर अंकुश लगाने और सामाजिक दूरी बनाए रखने को सुनिश्चित करने की जरूरत पर भी चर्चा की। लॉकडाउन खत्म करने की योजना के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे 2 हफ्ते के लिए और बढ़ाने पर राज्यों के बीच आम सहमति बनती दिख रही है।
उन्होंने यह कहा कि सरकार का मंत्र पहले था ‘जान है तो जहान है’, लेकिन अब मंत्र है ‘जान भी जहान भी।’ पीएम मोदी के इस बयान को लॉकडाउन के दौरान कुछ छूट से जोड़कर देखा जा रहा है।
कोरोना वायरस महामारी के बीच पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस तरह की यह तीसरी चर्चा थी। 25 मार्च को लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी का इस तरह का यह दूसरा संवाद है। इससे पहले पीएम मोदी ने 20 मार्च और 2 अप्रैल को सभी मुख्यमंत्रियों से चर्चा की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी सुझाव दिया कि मंडियों में भीड़ को रोकने के लिए कृषि उपज के डायरेक्ट मार्केटिंग को प्रोत्साहित किया जा सकता है। इसके लिए मॉडल एपीएमसी कानूनों में तेजी से संशोधन किए जाने चाहिए। इस तरह के कदमों से किसानों को अपने दरवाजे पर ही अपनी उपज बेचने में मदद मिलेगी।
डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों और पूर्वोत्तर व कश्मीर के छात्रों के साथ बदसलूकी की घटनाओं की निंदा करने के साथ-साथ दुख जाहिर करते हुए पीएम ने कहा कि इस तरह के मामलों से हमें सख्ती से निपटने की जरूरत है।
मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश दिया। दरअसल लॉकडाउन के दौरान तमाम जगहों से शिकायतें आ रही हैं कि महामारी के वक्त कुछ लोग कालाबाजारी और जमाखोरी में लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आरोग्य सेतु’ ऐप को लोकप्रिय बनाने को भी कहा, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में इसे डाउनलोड करना सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि कैसे दक्षिण कोरिया और सिंगापुर को मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में सफलता मिली है।
उन्होंने कहा कि इन अनुभवों के आधार पर भारत ने इस ऐप के जरिए अपनी ओर से ठोस प्रयास किए हैं जो इस महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में कारगर साबित होगा।
उन्होंने इस ऐप के ‘ई-पास’ बन जाने की संभावनाओं का भी जिक्र किया जो बाद में एक जगह से दूसरी जगह तक यात्रा करने की सुविधा प्रदान कर सकता है।
प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल ने लॉकडाउन को कम से कम एक पखवाड़े के लिए बढ़ाने का सुझाव दिया।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बैठक में बताया कि उनकी सरकार ने एक मई तक कर्फ्यू लगाए रखने या पूरी तरह बंद लागू करने का पहले ही फैसला ले लिया है। सभी शिक्षण संस्थान 30 जून तक बंद रहेंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुझाव दिया कि देशभर में लागू लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाई जानी चाहिए।
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प्रधानमंत्री मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ इस चर्चा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन के साथ-साथ प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों ने भी शिरकत की।
मुख्यमंत्रियों ने महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए केंद्र से वित्तीय और राजकोषीय सहायता भी मांगी।