कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है “जनता-कर्फ्यू”। जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार, यानि 22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, इस जनता-कर्फ्यू का पालन करना है।
साथियों, 22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।
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पीएम मोदी ने कहा कि आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी, लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी, तो गाँव गाँव में “ब्लैक आउट” किया जाता था। घरों के शीशों पर कागज़ लगाया जाता था, लाईट बंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे।
मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों, 65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें। मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घरों से बाहर निकलें।
जितना संभव हो सके, आप अपना काम, चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करने की कोशिश करें। संयम का तरीका क्या है, भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना है।
आजकल जिसे “सोशल डिस्टन्सिंग” कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, ये बहुत ज्यादा आवश्यक है। आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी बचाएंगे।
साथियों, इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है। आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे।
भारत सरकार इस पर पूरी तरह से नजर रखे हुए हैं। हालांकि कुछ देश ऐसे भी हैं जिन्होंने आवश्यक निर्णय भी किए और अपने यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा आइसोलेट करके संभाला है। उसमें नागरिकों की बहुत भूमिका रही है।
हमारा वो देश हैं जो विकास के लिए प्रयत्नशील देश हैं, हमारे देश पर कोरोना का ये संकट सामान्य बात नहीं है। भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा ये मानना गलत है इसलिए इस वैश्विक माहमारी का मुलाबला करने के लिए दो बातें की आवश्यकता है, पहला संकल्प और दूसरा संयम।
पीऍम मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर आज देश को संबोधित करते हुए कहा देशवासियों से कई अपील की।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत, उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें। उनकी सैलरी नहीं काटें।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां, जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे, जितना की कोरोना वायरस से हुए हैं। पूरा विश्व संकट से गुजर रहा है।
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उन्होंने कहा कि यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा, ऐसी महामारी में ‘हम स्वस्थ, जगत स्वस्थ मंत्र काम आ सकता है। 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प दृढ़ करना होगा कि एक नागरिक के नाते अपने कर्तव्य का पालन करेंगे।
केंद्र और राज्य सरकारों के दिशा और निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेंगे। हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं सक्रमित होने से बचेंगे और दूसरो को भी बचाएंगे। हम स्वस्थ्य तो जग स्वस्थ्य। जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं बनी है तो हमारा खुद का स्वस्थ्य रहना बहुत जरूरी है।