दोनों पत्र लंबे हैं। लेकिन पढ़ कर देखिए कि नौजवानों को कैसे यातना दी जा रही है। क्या यह सिस्टम बेहतर नहीं हो सकता है? आखिर इतना संघर्ष कर सत्ता तक पहुंचने का क्या मतलब है? मंत्रियों में यह चाहत कैसे पैदा की जाए कि वे जनता को ऐसी तकलीफों से मुक्त कर उनकी यादों में बस जाएं?
अच्छा है कि मैं राजनीति में नहीं हूं और मंत्री नहीं हूं।वर्ना ऐसी तकलीफ से ही उदास रहता है। वैसे उदास ही रहने लगा हूं। हर मिनट ऐसे पत्रों को पढ़कर कितना कोई झटक सकता है। और कोई ऐसे आदर से पत्र लिख देता तो दौड़ कर उसके काम कर देता। अफसोस।
कमलनाथ जी इन युवाओं को सांप्रदायिकता की राह पर फिर लौटने से रोकने के लिए अपने सिस्टम को पानी की तरह साफ़ कर दीजिए। जो भी है इनसे बुला कर बात करें और समाधान कर देख।
1.मध्यप्रदेश में हम लोग सर 8 साल से भर्ती का इंतजार कर रहे थे माध्यमिक शिक्षक भर्ती 11000 पदों पर हुई थी जिसमें से सरकार 5600 पदों पर कर रही है सामाजिक विज्ञान को केवल 60 पद दिए गए जबकि 3313 पद खाली हैं यह मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने 22 नवंबर को अतिथियों के लिए खोले थे 60 पदों में से 44 पद एसटी वर्ग के लिए आरक्षित कर दिए,
अब हम ओबीसी जनरल और एससी वर्ग के लिए केवल 16 पद दिए हैं इन 16 पदों का विवरण इस प्रकार है 9 पद जनरल के लिए 4 पदों ओबीसी के लिए 2 पद एससी के लिए एक पद अतिथियों के लिए हमारी रैंक 4 है एससी कोटा मे लेकिन सरकार के अन्याय के कारण शिक्षक नहीं बन पाएंगे।
एक बार सर एमपीपीएससी की फीस के लिए आपने कमलनाथ को लिखा था तो उन्होंने आपकी बात मान ली थी प्लीज एक बार सामाजिक विज्ञान 60 पद विज्ञान के लिए केवल 50 पद मातृभाषा हिंदी के लिए केवल 100 पद रखे गए हैं अंग्रेजी के लिए 3358 पद रखे गए हैं गणित के लिए 1312 पद रखे गए हैं,
हिंदी सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषयों के हजारों पद रिक्त हैं फिर भी नहीं खोले जा रहे हैं इतने कम पदों में केवल एक विषय को इतने पद देना कहां तक उचित है आप ही बताइए सर सरकार से गुहार लगा लगा कर हम परेशान हो गए हैं अब केवल आप ही एक उम्मीद की किरण दिखाई दे रहे हैं
प्लीज सर हमें निराश मत कीजिए आप कमलनाथ के लिए लिखिए सर हो सकता है सर आपकी बात मान कर हिंदी सामाजिक विज्ञान और विज्ञान के पांच सौ 500 पद भी बढ़ा दे तो हम टॉप रैंक वालों का हो जाएगा हम जिंदगी भर आपको आशीष करेंगे हमारा पूरा परिवार आपको आशीष करेगा बड़ी उम्मीद है सर आपसे हमें अब जरूर इस उम्मीद को पूरा करेंगे धन्यवाद सर
2. सर मैं हम पटवारी वेटिंग वाले उम्मीदवारों की तरफ से अपनी बात रखना चाहता हूं यह परीक्षा मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा 2017 के नाम से की गई थी जिसमें लगभग 10 लाख लोगों ने भाग लिया था यह परीक्षा 9235 पदों पर आयोजित की गई थी इसके रूल बुक के हिसाब से प्रथम काउंसलिंग में अनुपस्थित अभ्यर्थियों की जगह हम वेटिंग वाले उम्मीदवारों से भरी जानी थी,
प्रथम काउंसलिंग में 1000 से ज्यादा व्यक्ति अनुपस्थित रहे थे और बाद में भी बहुत सारे लोगों ने त्यागपत्र दिया है इस प्रकार मिलाकर कुल 1400 जगह खाली रह गई थीं। प्रथम काउंसलिंग के बाद यह जगह वेटिंग वाले उम्मीदवारों से भरी जानी थी लेकिन विभाग द्वारा लगभग 1 साल तक दूसरी काउंसलिंग आयोजित ही नहीं करवाई गई ।
हम वेटिंग अभ्यर्थियों द्वारा बार-बार आंदोलन करने और धरना देने के बाद 1 साल बाद दूसरी काउंसलिंग आयोजित करवाई गई पहली काउंसलिंग जहां पूर्णता ऑनलाइन थी उसके विपरीत दूसरी काउंसलिंग पूर्णता ऑफलाइन की गई और इसमें उन्हीं लोगों को दोबारा बुलाया गया जो पहले से चयनित थे जिनका प्रथम काउंसलिंग में सिलेक्शन हो गया था और जिन्होंने पटवारी के तौर पर ज्वाइन कर लिया था,
उन्हीं को इस काउंसलिंग में रिपीट कर दिया गया और वेटिंग में से सिर्फ 15- 16 लोगों को लिया गया और इसका कोई भी डाटा राजस्व विभाग ने अपनी वेबसाइट पर नहीं डाला इसी तरह से करते-करते राजस्व विभाग अभी तक 7 काउंसलिंग आयोजित कर चुका है हर काउंसलिंग में मीटिंग में से सिर्फ 15-20 लोगों को लिया है ।
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इस तरह वेटिंग में से सिर्फ 100 लोगों को लिया गया है जबकि पदों की संख्या 1400 से अब 350 बताई जा रही है। इन काउंसलिंग का कोई भी डाटा राजस्व विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा पूर्णता ऑफलाइन काउंसलिंग की जा रही है। जब हमने 14 जनवरी को राजस्व मंत्री के बंगले पर धरना दिया तो मंत्री जी द्वारा हमें आश्वासन दिया गया कि आपका काम किया जाएगा और उन्होंने राजस्व आयुक्त को फोन लगाकर बोला कि बच्चों की क्या समस्या है,
उसे सुलझाइए तो उन्होंने हमें 20 जनवरी को मिलने का समय दिया जब हम उनसे मिलने वल्लभ भवन में गए तो उनके द्वारा हमें बताया गया कि मेरे पास तो सिर्फ 350 पद खाली हैं मैं इन्हें ही भरूंगा।
ऑनलाइन डालने के लिए मेरे पास कोई भी डाटा नहीं है जब हमारे द्वारा यह बात उठाई गई कि यह प्रक्रिया पूर्णता गलत हो रही है इसमें आप पहले से चयनित पटवारियों को ही मौका दे रहे हैं आप रूलबुक के नियम अनुसार भर्ती कीजिए तो उन्होंने कहा कि रूलबुक हम ने ही बनाई है हम जैसे चाहे वैसे नियम बना सकते हैं और जरूरी नहीं है कि हम पूरे पद भरें।
जब हमने कहा कि राजपत्र में भी यह लिखा है कि कोई व्यक्ति त्यागपत्र देता है तो उसकी जगह वेटिंग वाले अभ्यर्थी से भरी जाएगी तो उन्होंने उस को मानने से भी इनकार कर दिया और बोला हमारी नजर में तो वह जगह भर चुकी है।
सर क्या आपने कभी ऐसी अनोखी काउंसलिंग देखी है जिसमें कि जिस व्यक्ति ने जॉइनिंग ले ली और जिसे पटवारी की नौकरी करते करते 1 साल हो गया उसको वेटिंग में माना जा रहा है और उस व्यक्ति को छह छह जिलों से कॉल लेटर भेजे जा रहे हैं,
जबकि जबकि रूलबुक में यह साफ-साफ लिखा है कि अपग्रेड का ऑप्शन उसे ही दिया जाएगा जो प्रथम काउंसलिंग में अपग्रेड का ऑप्शन चुनेगा और उस व्यक्ति को होल्ड पर रखा जाएगा उसे जॉइनिंग नहीं दी जाएगी फिर भी इन लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर उन्हें जॉइनिंग दे दी,
और उन्हें सैलरी लेते लेते 1 साल हो गया फिर भी यह लोग उन्हें वेटिंग में मान रहे हैं और हम वेटिंग अभ्यर्थियों को मौका नहीं दे रहे हैं 10 फरवरी इस वेटिंग लिस्ट की लास्ट डेट है यह अपना पूरा समय सिर्फ फर्जीवाड़ा करने में निकाल रहे हैं कम से कम सीटें भर कर यह लोग पदों को दवा देना चाह रहे हैं।
सर हम वेटिंग वाले अभ्यर्थी पिछली डेढ़ साल से परेशान हैं हम मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी से तीन चार बार मिल चुके हैं राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत जी से हम लोग आठ-दस बार मिल चुके हैं,
मुख्यमंत्री और मंत्री जी द्वारा हमें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है हर बार वह बस हमें आश्वासन देकर भगा देते हैं अब हमें आप से ही उम्मीद है सर हमारी इस पीड़ा को आप दिखाएं और विभाग के अधिकारियों का चेहरा सबके सामने लाये।
(ये लेख वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार की फेसबुक वॉल से लिया गया है)