भर मेंदेश नागरिकात संशोधन कानून का विरोध जारी है। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि केंद्र की मोदी सरकार इस कानून को वापस ले। लेकिन मोदी सरकार अड़ी हुई है। न तो वह इस कानून को वापस ले रही है और न इसमें कोई बदलाव करने को तैयार है। आलम यह है कि अब बीजेपी के अंदर भी सीएए के खिलाफ आवाज उठने लगी है। इसका ताजा उदाहरण हैं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीके बोस। सीके बोस ने सीएए को लेकर अपनी पार्टी को आईना दिखाया है।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे विरोध पर बीजेपी नेता सी के बोस ने कहा, “मैंने अपने पार्टी नेतृत्व को सुझाव दिया है कि अगर हम थोड़ा सा संशोधन करते हैं तो यह आंदोलन खत्म हो जाएगा। हमें खास तौर से यह बताने की जरूरत है कि यह उत्पी!ड़ित अल्पसंख्यकों के लिए है। हमें किसी धर्म का जिक्र नहीं करना चाहिए। हमारा दृष्टिकोण अलग होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण अलग होना चाहिए। हमारा काम लोगों को यह समझाना है कि हम सही हैं और वे गलत हैं। आप अपमान!जनक नहीं हो सकते। सिर्फ इसलिए कि आज हमारे पास संख्या है, हम आ!तंकी राजनीति नहीं कर सकते। हमें सीएए के लाभों के बारे में लोगों को बताना चाहिए।अधिक जानकारी देनी चाहिए।
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गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। हमें खास तौर से यह बताने की जरूरत है कि यह उत्पी!ड़ित अल्पसंख्यकों के लिए है। हमें किसी धर्म का जिक्र नहीं करना चाहिए।
दिल्ली के शाहीन बाग में इस कानून के विरोध में बीते एक महीने से धरना चल रहा है। हालांकि केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि किसी भी स्थिति में यह कानून वापस नहीं लिया जाएगा।