नई दिल्ली: निर्भया केस में पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दो’षियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने का डेथ वारंट जारी कर दिया है। हालांकि, कानूनी विकल्पों की वजह से 22 जनवरी को होने वाली फां’सी पर संशय बना हुआ है। दूसरी तरफ, फांसी में हो रही देरी को लेकर दिल्ली सरकार पर बीजेपी ने गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इन आरोपों का जवाब दिया गया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने इस मामले से संबंधित किसी भी काम में देरी नहीं की। वहीं, आप-बीजेपी के आरोप-प्रत्यारोप से निर्भया की मां बेहद आहत नजर आईं और वे रो पड़ीं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आभार प्रकट किया। लगे हाथ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर निर्भया के साथ बर्र’बरता करने वाले एक नाबालिग के साथ सहानुभूति दिखाने का आरोप भी जड़ दिया। बीजेपी नेता ने गैं’गरे’प और मर्ड’र में संलिप्त उस नाबालिग को आम आदमी पार्टी से दी गई सहायता पर भी सवाल उठाते हुए कहा, ‘सबूतों से पता चला था कि वह निर्भया के साथ कितना ज’घन्य और अमानवीय व्यवहार किया था। उसकी रिहाई पर आम आदमी पार्टी ने 10 हजार रुपये दिए और सिलाई मशीन दी।’
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बता दें कि फां’सी से बचने के लिए दोषी मुकेश सिंह और विनय कुमार शर्मा हर कानूनी हथ कंडा अपना रहे हैं। मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद उसने फां’सी की सजा से बचने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका भेजी है। मुकेश के वकीलों का तर्क है कि दया याचिका अभी लंबित है और याचिका पर फैसला होने के बाद किसी भी दोषी को 14 दिनों का समय दिया जाता है। लिहाजा उन्हें 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती।