नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के जामा मस्जिद पर प्रदर्शन के दौरान दरियागंज में भड़की हिं’सा के आरोप में जेल में बंद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत मिल गई है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने चंद्रशेखर को सशर्त जमानत दी है।
जमानत के साथ कोर्ट ने शर्त लगाते हुए कहा है कि चंद्रशेखर अगले 4 हफ्ते तक दिल्ली में नहीं रहेंगे, क्योंकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। साथ ही कोर्ट ने उन्हें मामले में चार्जशीट दायर होने तक हर शनिवार को सहारनपुर थाने के एसएचओ के सामने हाजिरी देने का भी निर्देश दिया है।
कोर्ट ने ये भी कहा कि जब तक मामले में चार्जशीट दायर नहीं होती तब तक चंद्रशेखर सहारनपुर में हर शनिवार को एसएचओ के सामने अपनी हाजरी देंगे। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण की जमानत पर सुनवाई के दौरान तीस हजारी कोर्ट ने उनको फटकार भी लगाई।
कोर्ट ने चंद्रशेखर को कहा कि ‘आपको इंस्टीट्यूशन और प्रधानमंत्री का सम्मान करना चाहिए’। कोर्ट ने ये भी कहा कि जो ग्रुप प्रोटेस्ट करता है। उसी पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगता है। इस मामले में पुलिस ने कहा है कि हिं’सा हुई है और पुलिस बैरिकेडिंग, दो प्राइवेट गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। इसकी जवाबदेही भी चंद्रशेखर की है।
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पाकिस्तान में भी प्रदर्शन कर सकते हैं : कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा- आप इस तरह व्यवहार कर रहे हैं, जैसे जामा मस्जिद पाकिस्तान में हो। अगर ऐसा है, तो आप वहां भी जाकर प्रदर्शन कर सकते हैं। वह अविभाजित भारत का हिस्सा है।
अपने देश को तबाह नहीं कर सकते : जज कामिनी लाऊ ने कहा- संसद के भीतर जो बातें कही जानी चाहिए, वह नहीं कही जाती हैं और इसीलिए लोग सड़कों पर उतरते हैं। हमारे पास अपने विचार जाहिर करने का पूरा अधिकार है, लेकिन हम अपने देश को तबाह नहीं कर सकते हैं।