देश की आर्थिक स्थिति किस हद तक गर्त में पहुंच चुकी है इसकी गवाही सरकार द्वारा जारी आंकड़े खुद दे रहे हैं। सोमवार को जारी महंगाई दर के आंकड़ों से स्पष्ट हुआ है कि दिसंबर महीने में महंगाई दर बढ़कर 7.35 फीसदी पहुंच गई है जो बीते करीब 6 साल में सबसे ज्यादा है।
इन्हीं आंकड़ों के आधारा पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट में कहा, “कमरतोड़ महंगाई, जानलेवा बेरोजगारी और गिरती GDP ने ‘आर्थिक आपातकाल’ की स्थिति बना दी है। सब्ज़ी, दाल, खाने का तेल, रसोई गैस व खाद्य पदार्थों की महंगाई ने ग़रीब के मुँह का निवाला छीन लिया है। मोदी जी ने देशवासियों के घरेलू बजट के टुकड़े-टुकड़े कर दिये हैं।“
कांग्रेस महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हम’लावर है। इससे पहले कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वह विपक्षी पार्टी के नेताओं के साथ एक बैठक बुलाएं और उन्हें मंहगाई रोकने के लिए सरकार के रोडमैप के बारे में बताए। जो कि 2014 में संप्रग के सत्ता से बेदखल होने के बाद काफी ऊंचाई पर पहुंच गई है।
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कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा, “महंगाई और बेरोजगारी के रूप में मोदी सरकार ने देश को दो धोखे दिए हैं। देश में महंगाई चरम सीमा पर है। आम आदमी का बजट गड़बड़ा गया है। देश के लोगों को खाने के लाले पड़ गए। शायद 2012-13 के बाद पहली बार महंगाई इतनी चरम सीमा पर पहुंची है। 2013-14 में ‘अबकी बार, महंगाई पर वार’ की बात करने वाले मोदी जी चुप बैठे हैं और महंगाई डायन की भांति हर रोज बढ़ती जा रही है।”
बता दें कि दिसंबर में खुदरा महंगाई की दर बढ़कर 7.35 प्रतिशत हो गई है, जबकि नवंबर में यह 5.54 फीसदी थी. सोमवार को सरकार ने ये आंकड़े जारी किए. खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति में उछाल आया है। यह लगातार तीसरा महीना है कि खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के मध्यावधि लक्ष्य 4 फीसदी से ऊपर रही है।