संसद एनेक्सी में आयोजित कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों की बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, “सरकार ने ढीला शासन किया और लोगों का उत्पीड़न होने दिया। सरकार ने नफरत फैलाने और लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश की है। देश में अराजकता फैली हुई है। संविधान को कमजोर किया जा रहा है और शासन का दुरुपयोग किया जा रहा है।”
इस बैठक में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी समेत कुल चार दल शामिल नहीं हुए हैं। हालांकि सीपीएम, सीपीआई, राजद समेत पार्टियां बैठक में शामिल हुई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस बैठक में मौजूद रहे। झारखंड में सरकार गठन के बाद राहुल गांधी पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में आए हैं।
बैठक खत्म होने के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने पूरे देश को गुमराह किया है। उनके बयानों में विरोधाभास है और वह लगातार इस पूरे मसले पर असंवेदनशील रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेएनयू पर भाजपा ने जो हमला किया उसे पूरे देश ने देखा और उससे स्तब्ध है। सरकार तानाशाही नफरत का शासन चला रही है और समाज को बांटने की कोशिश कर रही है। संविधान की अवहेलना हो रही है। सरकारी तंत्र का इस्तेमाल युवाओं और छात्रों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है।
इससे कल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने CWC के बैठक में कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में कड़े विरोध के बीच पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम हमारे लिए एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि सीएए एक भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून है। कानून का भयावह उद्देश्य हर देशभक्त, सहिष्णु और धर्मनिरपेक्ष भारतीय के लिए स्पष्ट है। यह भारतीय लोगों को धार्मिक आधार पर विभाजित करता है। बता दें कि कांग्रेस लगातार सीएए का विरोध कर रही है और शीर्ष नेतृत्व सड़कों पर नज़र आ रही हैं।