नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के चलते देश भर में होने वाले विरोध प्रदर्शन और जेएनयू हिंसा मामले को लेकर सड़कों पर उतरे युवा छात्रों पर अब भारत के महान बल्लेबाज और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और भरोसा जताया है कि जल्द ही इससे उबर जायेगा। 26वें लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल लेक्चर में पहुंचे सुनील गावस्कर ने छात्रों को संबोधित करते हुए भरोसा जताया कि हमेशा की तरह भारत इस बार भी देश भर में चल रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन से उबर जायेगा।
सुनील गावस्कर ने भरोसा जताया कि भारत देश भर में छात्रों के विरोध प्रदर्शन से बने मौजूदा ‘मुश्किल’ हालात से उबर जाएगा जैसे अतीत में वह कई संकट की स्थितियों से निपटने में सफल रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में देश भर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ सबसे पहले जामिया मिलिया विश्व विद्यालय में विरोध देखने को मिला जबकि जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय (जेएनयू) में नकाबपोश लोगों ने हिं’सा फैलाई।
उन्होंने कहा, ‘हम एकजुट होकर काफी आगे जा सकते हैं। यही हमें खेल सिखाता है। जब हम साथ होते हैं तो हम जीतते हैं। भारत पहले भी कई समस्याओं से पार पा चुका है और इनसे भी निजात हासिल कर लेगा।’
धोनी पर गावस्कर ने उठाए सवाल
नौ जुलाई को विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की हार के बाद से धोनी के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर जारी है। 38 साल के धोनी ने इस हार के बाद से क्रिकेट नहीं खेला है लेकिन उनके आईपीएल में वापसी करने की उम्मीद है।
टेस्ट क्रिकेट को पांच दिन से घटाकर चार दिन का करने के आईसीसी के प्रस्ताव पर गावस्कर ने कहा कि मैं क्या सोचता हूं यह मायने नहीं रखता। मौजूदा खिलाड़ी क्या सोचते हैं यह मायने रखता है। बीसीसीआई के फैसला करने से पहले उनसे सलाह मशविरा होना चाहिए