केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर विपक्ष द्वारा फैलाए गए झूठ ने देश में अराजकता पैदा की है। शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल तथा वामपंथियों को चुनौती दी कि वे सीएए में एक भी ऐसा प्रावधान दिखा दें जो देश के मुसलमानों से उनकी नागरिकता छीनती हो।
शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे लोगों के घर-घर जाकर उन्हें नए कानून के प्रावधानों के बारे में समझाएं। गुजरात पुलिस की विभिन्न परियाजनाओं के उद्घाटन के लिए आयोजित समारोह में शाह ने आरोप लगाया, ‘‘विपक्ष के पास और कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे सीएए के बारे में झूठ और भ्रम फैला रहे हैं। इसके कारण पूरे देश में अराजकता फैल गई है।’’
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में कोई हिं’सा नहीं हुई है और तब से अब तक वहां किसी की मौ’त नहीं हुई है। गृह मंत्री अध्यक्ष शाह ने कहा, ‘‘विपक्ष के कुछ नेताओं ने संसद में दावा किया था कि खू’न-खराबा होगा। ऐसे बयान रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
बता दें कि आज पूरे देश में शनिवार को नागरिकता संशोधन एक्ट लागू हो गया है। लेकिन कांग्रेस शासित प्रदेश सीएए के खिलाफ हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस शासित राज्य सरकारें अपनी विधानसभाओं में सीसीए और एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेंगी।
इससे पहले कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में कड़े विरोध के बीच पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम, हमारे सामने एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने आगे कहा कि सीएए एक भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून है। हर देशभक्त, सहिष्णु और धर्मनिरपेक्ष भारतीय के लिए कानून का भयावह उद्देश्य स्पष्ट है। यह भारतीय नागरिक को अलग अलग रेखाओं से विभाजित करता है।