JNU में रविवार रात हुई हिं’सा पर सियासत गरमा गई है। हैदराबाद से AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में बीजेपी और दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा है कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मामले का हल निकालना चाहिए।
ओवैसी ने जेएनयू हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘मैं इस हिं’सा की कड़ी आलोचना करता हूं। इस बारे में कोई शक नहीं है कि जो लोग हिं’सा में शामिल हैं, उन्हें वहां बैठी ताकतों ने ही हरी झंडी दी। नकाबपोशों ने कायराना तरीके से छात्रों पर हमला किया। उन्हें रॉड और स्टिक के साथ जेएनयू कैंपस में प्रवेश करने की इजाजत दी गई।’
ओवैसी ने कहा कि ‘ये गलत हो रहा है और हम बीजेपी से अपील करते हैं कि आप सत्ता में जरूर हैं, लेकिन आप कब तक इन लोगों को बचाएंगे? ये तमाम लोग आप ही के तो हैं। जामिया में जो हुआ सरकार ने उससे सबक नहीं लिया। फिर जो लोग प्रदर्शन के लिए वहां जाते हैं, उनके साथ मारपीट की जाती है, योगेन्द्र यादव को पुलिस की मौजूदगी में मारा गया। ये क्या हो रहा है?’
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यूनिवर्सिटी पर हुआ यह ह’मला पूर्व नियोजित था। छात्रों, शिक्षकों पर हमला हुआ और दिल्ली पुलिस चुप रही। सुरजेवाला ने कहा कि पूरे देश ने जेएनयू कैंपस में हुए आ’तंक और गुंडागर्दी को देखा। यह सब जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस की निगरानी में हुआ, जो सीधे गृह मंत्री अमित शाह से नियंत्रित हैं।
बता दें कि रविवार रात को जेएनयू परिसर में घुस कर नकाबपोश व्यक्तियों ने लाठी-डंडों और छड़ों से छात्रों-टीचर्स की पिटाई की। यूनिवर्सिटी की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। उसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा। यूनिवर्सिटी कैंपस में करीब दो घंटे तक अराजकता का माहौल रहा। इस हिंसा में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत कम से कम 34 लोग घायल हो गए।