मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा इंदौर में दिए गए आग लगाने वाले बयान पर रविवार को तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यह विजयवर्गीय को तय करना है कि वह बीजेपी के नेता रहना चाहते हैं या माफिया के नेता।
मुख्यमंत्री कमलनाथ से यहां संवाददाताओं ने विजयवर्गीय द्वारा पिछले दिनों इंदौर में दिए गए बयान पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, “यह तो कैलाश विजयवर्गीय को ही तय करना पड़ेगा कि वह बीजेपी के नेता बने रहना चाहते हैं या माफिया का नेता बनना चाहते हैं।” ज्ञात हो कि भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने इंदौर में शहर की समस्याओं को लेकर एक बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को मिलने के लिए बुलाया था।
जब अधिकारी मिलने नहीं पहुंचे तो विजयवर्गीय ने कार्यकर्ताओं के साथ संभागायुक्त के निवास के सामने धरना दिया। इस दौरान उनकी अधिकारियों से बहस भी हुई। इस दौरान विजयवर्गीय ने कहा था, “अगर संघ के पदाधिकारी शहर में न होते तो इंदौर में आग लगा देता।”
बता दें कि संघ परिवार की नर्सरी नीमच में आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय तूफानी दौरे पर हैं। इस दौरान वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा सरकारी अफसरों पर जमकर बिफरे। विजयवर्गीय ने कहा कि अधिकारी अपनी औकात में रहें तो ठीक रहेगा। साथ ही यह भी कहा कि यदि वे मध्य प्रदेश आ गए तो कमलनाथ को एक रात भी चैन की नींद नहीं सोने देंगे।
मालूम हो कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ,सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, नगर अध्यक्ष गोपी नेमा सहित 350 भाजपाइयों पर धारा 188 के तहत केस दर्ज किया है। एसपी मोहम्मद युसुफ कुरैशी ने बताया कि धारा 188 के तहत ये केस दर्ज किया गया है। शनिवार को विजयवर्गीय ने इस मुद्दे पर किसी से कोई बात नहीं की थी।