लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जिला अदालत ने 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में गिरफ्तार किए गए कई लोगों को जमानत पर रिहा किया है जिनमें पूर्व आईपीएस एस आर दारापुरी, कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जफर, पवन राव अंबेडकर शामिल हैं। सत्र न्यायालय ने जमानत याचिका को खारिज किया था जिसके बाद जिल अदालत में सबने अपील की थी।
सेशन कोर्ट द्वारा जमानत खारिज किए जाने के बाद जिला न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई। बता दें कि हजरतगंज पुलिस ने जफर और अन्य को आईपीसी की कई धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जफर के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताया गया था। उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य सरकार से याचिका पर दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
उन पर षणयंत्र, ह’त्या का प्रयास, सरकारी कर्मचारियों को चोट पहुंचाना व सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने सम्बंधी धाराओं समेत कुल 17 धाराओं में एफआईआर पंजीकृत किया गया है।
इस मामले में गत 19 दिसम्बर को उनकी गिरफ्तारी के पश्चात उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। उन्होंने अपनी जमानत के लिए अर्जी दी थी किन्तु मजिस्टीरियल कोर्ट ने उनके अर्जी खारिज कर दी थी। जिसके बाद उन्होंने सत्र अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की जहां उनकी अर्जी विचाराधीन है।
100 से ज्यादा लोग हुए थे गिरफ्तार
19 दिसंबर के विरोध प्रदर्शन के बाद 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। प्रमुख मानवाधिकार वकील मोहम्मद शोएब और दारापुरी उनमें से थे जिन्हें नागरिकता कानून का विरोध करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।