जीशान अहमद खान
आज इस मुल्क हिन्दुस्तान की जो हालत है वो कभी किसी ने सोचा नहीं था। देश में मंदी का दौर चल रहा है, किसान आत्मह’त्या कर रहे हैं, छात्र सडकों पर हैं और सरकार इन पर ला’ठियां बरसवा रही है। इन पर आंसू गैस डालवा यही है। जो लोग उस समय भाजपा सरकार की खतरनाक योजनाओं से अवगत नहीं थे, आज उन लोगों ने महसूस किया है कि इस सरकार का आधार झूठ और नफरत पर आधारित है। झूठ के पेड़ पर सच्चाई और विश्वास के फूल नहीं खिलते यह बात आज लोगों को पता चल गई है कि भाजपा सरकार झूठी सरकार है।
हां, संसद में झूठ का बहुमत था, फिर एक काला कानून पारित किया गया था, लेकिन जिस काले कानून को पारित किया गया। वह काला कानून आम हिन्दुस्तानी जनता को स्वीकार नहीं है। देश के तमाम शिक्षा संस्थानों व सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि ये काला कानून लोगों और देश के रीति-रिवाजों को नुकसान पहुंचाएगा।
एक तरफ जहां पीएम मोदी झारखंड में एक चुनावी सभा में कहते हैं कि उपद्र’वियों को कपड़ो से पहचाना जा सकता है तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार धार्मिक बयान बाजी देने से बाज नहीं आ रहे हैं।
CAA का विरोध पूरे देश में व्यापक तौर पर हुआ और एक आंदोलन का रूप ले लिया। जब जामिया और एएमयू के छात्र इस बिल के खिलाफ़ सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ़ धरने पर बैठे और विरोध किया तो इन छात्रों पर पुलिस ने लाठी चलाई और सैंकड़ों की तादाद में आंसू गैस के गीले छोडे। आजादी के बाद आज तक कहीं भी किसी विश्वविद्यालय में पुलिस ने लाइब्रेरी के अंदर घुसकर छात्रों पर वा’र नहीं किया लेकिन इस सरकार ने ये कारनामा करने दिया और सैकड़ों की तादाद छात्रों को ल’हू लुहा’न करने का काम किया।
आज से कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने रामलीला मैदान की रैली में कहा है कि नागरिकता कानून आने के बाद से कांग्रेस पूरे देश में हिं’सा फैला रही है, लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि NRC पर भी कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है। आगे पीएम मोदी ने कहा: ‘NRC को लेकर झूठ चलाया जा रहा है। ये कांग्रेस के जमाने में बना था, तब सोए थे क्या? हमने इसे बनाया नहीं, संसद में ये आया नहीं, ना कोई नियम कायदे बने हैं। NRC का हव्वा बनाया जा रहा है। 2014 से आज तक मेरी सरकार आने के बाद कहीं पर भी NRC शब्द पर कोई चर्चा, कोई बात नहीं हुई। सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा तो असम में NRC लागू करना पड़ा।’
इसके विपरीत गृहमंत्री अमित शाह भरी संसद में सीना ठोंक कर बोल चुके हैं- जिस घोषणापत्र के आधार पर ये सरकार चुनकर आई है, उस घोषणा पत्र का हिस्सा है कि देश की इंच इंच जमीन पर अवैध प्रवासी जितने भी रहते हैं, घुसपैठिए जितने भी रहते हैं, इनकी पहचान कर के अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत देश से बाहर निकालेंगे।
अब लोग कन्फ्यूज हैं कि किस की बात मानी जाए बहरहाल नए साल से हम उम्मीद करेंगे कि ये जो हिन्दुस्तानी अवाम है जिन्हें अच्छे दिन का वादा किया गया उस अच्छे दिन का इंतजार कर रहे लोगों की इंतजार खत्म हो…जो दूरियां गंगा जमुनी तहजीब और हिन्दु मुस्लिम में पैदा की जा रही है वो कम हो और फिर खत्म हो जाए ताकि गांधी, अम्बेडकर, नेहरू, मौलाना आजाद, भगत सिंह अशफाकुल्लाह खां समेत तमाम स्वातंत्र्ता सेनापियों के सपने का भारत बन सकें।