लखनऊ में प्रेस से बात करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने राज्यपाल को एक चिट्ठी सौंपी है। यह पत्र पूरा एक दस्तावेज है, जिसमें हमने कहा कि कैसे सरकार और पुलिस नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस के इस कदम से अराजकता फैली है। उन्होंने कहा कि जो कार्रवाई की जा रही है उसका कोई कानूनी आधार भी नहीं है। प्रियंका गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि वह बदला लेंगे, उसी बयान पर पुलिस चल रही है।
मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कई घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “लखनऊ में रिटायर्ड आईएएस दारापुरी जी के परिवार से मिलने जा रही थी, उन्हें घर से गिरफ्तार किया गया था। वे अंबेडकरवादी हैं, उनके घर से दिखता है कि वे कैसे इंसान हैं। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट डाली सीएए के खिलाफ।
सीआरपीएफ ने कहा: प्रियंका ने कम से कम 3 बार सुरक्षा नियम तोड़े
सीआरपीएफ ने कहा- प्रियंका ने कम से कम तीन बार सुरक्षा नियमों को तोड़ा। उन्होंने रिटायर्ड आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी से मुलाकात के दौरान स्कूटी पर यात्रा की थी। उन्होंने सिविल वाहन का इस्तेमाल किया था, जो गोलियों से रक्षा करने में असमर्थ था। उन्होंने लिफ्ट ली और स्कूटी पर पीछे बैठीं। प्रियंका की यह यात्रा पूर्वनियोजित नहीं थी। इस वजह से सीआरपीए एएसएल की प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकी। इसके बावजूद सीआरपीएफ ने उन्हें वाजिब सुरक्षा मुहैया करवाई।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ह’मला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने भगवा रंग धारण किया है। उन्हें इसका महत्व समझना चाहिए। भगवा उनका निजी रंग नहीं है बल्कि भारत की परंपरा का प्रतीक है। हमारी परंपरा में बदला या हिंसा का कोई स्थान नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री बदला लेने की बात करते हैं। ये मुख्यमंत्री की भाषा नहीं होनी चाहिए।