नई दिल्ली: नागरिकता कानून को लेकर देश में बवाल के माचा हुआ है इस बीच केरल में भी एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला। दरअसल, शुक्रवार को केरल के कन्नूर में भारतीय इतिहास कांग्रेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी पहुंचे थे। जब वह भाषण देने मंच पर पहुंचे तो उनको विरोध का सामना करना पड़ा। उन्होंने सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन पर बोलना शुरू ही किया था कि तभी इतिहासकार इरफान हबीब उन्हें रोकने के लिए स्टेज पर पहुंच गए।
अपने ट्वीट में खान ने कहा कि इरफान ने उनसे मौलाना अब्दुल कलाम आजाद को कोट करने के अधिकार पर सवाल उठाते हुए गोडसे का जिक्र करने को कहा। खान ने कहा कि वह तो केवल पिछले वक्ताओं के द्वारा उठाए गए पॉइंट्स पर प्रतिक्रिया देकर संविधान की रक्षा करने के अपने दायित्व को पूरा कर रहे थे।
उन्होंने थोड़ी देर बाद एक और ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, ‘मैं पहले के वक्ताओं का जवाब दे रहा था और लोगों को संविधान की मूल भावना समझाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मंच और सामने बैठे लोगों ने मुझे बोलने से रोका। जो पूरी तरह असंवैधानिक है। यह दूसरों की विचारधारा के खिलाफ असहिष्णुता को दर्शाता है।’
बाद में आरिफ मोहम्मद खान ने पत्रकारों से कहा कि वह इस मुद्दे पर बोलना नहीं चाहते थे। लेकिन उनसे पहले कुछ वक्ताओं ने सीएए को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन का मुद्दा उठाया तो राज्यपाल के तौर पर उनकी संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी है, इस नाते उन्हें उन लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दे पर स्थिति साफ करने के लिए बोलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
आइएचसी के सचिव ने इस घटना पर कहा कि कुछ छात्र और प्रतिनिधि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनके साथ खराब बर्ताव किया।