नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में विगत दिनों हिं’सा हुई थी। विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिं’सा के संबंध में उत्तर प्रदेश प्रशासन ने राज्य भर में 327 प्राथमिकी दर्ज की हैं। इस मामले में यूपी में 1158 लोगों को गिरफ्तार और 5558 लोगों के खिलाफ प्रिवेंटिव एक्शन लिए गए हैं। यूपी पुलिस की ओर से जारी एक बयान कहा गया है कि, हिं’सा में 19 लोग मा’रे गए। 288 पुलिसकर्मी घा’यल हुए, जिसमें 61 पुलिसकर्मी गो’ली लगने से घा’यल हुए हैं। हिं’सा के दौरान 647 खोखे, 69 जिं’दा कारतूस और 35 देसी तमंचे बरामद हुए हैं।
हर जिले में एडिशनल एसपी स्तर का अधिकारी एसआईटी प्रमुख होगा। जिलों में एडिशनल एसपी क्रा’इम की अध्यक्षता में एसआईटी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जिन जिलों में एएसपी क्रा’इम का पद नहीं है, वहां एएसपी सिटी एसआईटी प्रमुख के तौर पर काम करेंगे। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि बिना सबूत के किसी भी अभियुक्त की गिरफ्तारी न की जाए। किसी भी सूरत में नि’र्दोषों को परेशान न किया जाए।
एसआईटी करेगी जांच
विभिन्न जिलों में हिं’सक प्रदर्श’नों की जांच विशेष जांच समिति एसआईटी करेगी। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। डीजीपी ने कहा है कि हर जिले में एसआईटी गठित की जाएगी। इस बीच, हिं’सा के दौरान हुई मौ’तों को लेकर यूपी पुलिस को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की तरफ से नोटिस भेजा गया है। एनएचआरसी ने चार हफ्तों में डीजीपी ओपी सिंह से जवाब मांगा है।
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन व हिं’सा हुई। प्रदेश में पिछले जुमे की नमाज के बाद हुए बवा’ल को देखते हुए प्रशासन अब कोई भी जोखिम मोल नहीं लेना चाहता है। इसी के मद्देनजर यूपी के कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर फिर रोक लगा दी गई है। दरअसल, 27 दिसंबर (शुक्रवार) को जुमे की नमाज होगी।