रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के चुनावी मैदान में जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के नेतृत्व वाले गठबंधन (जेएमएम-कांग्रेस-राजद) ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की है। झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे सोमवार को घोषित हुए हैं। विधानसभा की कुल 81 सीटों में से गठबंधन ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की। जहां भाजपा के पास पहले सदन में 37 सीटें थीं, इस बार केवल 25 ही हासिल हुईं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य विधानसभा चुनावों में विजयी विपक्षी गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ 27 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे।
उल्लेखनीय है कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपनी हार स्वीकार करते हुए सोमवार रात साढ़े सात बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। मुख्यमंत्री ने राजभवन से निकलते हुए मीडिया से कहा, ‘‘मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को दे दिया है और उन्होंने मुझे नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते रहने को कहा है। ’’
चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत भाजपा के 5 मंत्री हार गए। चुनाव पूर्व सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा से पहली बार अलग होकर चुनाव लड़ने वाली ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) पार्टी को भी 2 सीटें ही मिलीं। इस बीच महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार व झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन पिता शिबू सोरेन से मिलने पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हेमंत को जीत की बधाई दी है। 15 नवंबर, 2000 को बिहार से अलग होकर नया राज्य बनने के बाद झारखंड में 19 साल में पांचवीं बार सोरेन परिवार को सत्ता मिलने जा रही है। हेमंत के पिता तीन बार राज्य के सीएम रहे, वहीं हेमंत दूसरी बार सीएम पद संभालेंगे।
गुटबाजी भी पड़ी भारी, सरयू में डूबी पार्टी
बीजेपी के लिए सूबे की राजनीति में गुटबाजी भी हार का कारण रही। सीएम रघुबर दास की कैबिनेट में अपने सहयोगी सरयू राय के साथ अनबन ही रही और अंत में राय उनके खिलाफ ही चुनाव में उतरे। यही नहीं उन्होंने रघुबर को 15,000 वोटों से जोरदार शिकस्त भी दी।