नई दिल्ली: झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने चुनाव परिणाम आने के बाद प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। मीडिया से बात करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि यह जीत आम आदमी की जीत है। हमने स्थानीय मुद्दों पर यह चुनाव लड़ा था, जिसे जनता ने समर्थन दिया है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि नोटबंदी की तरह अब लोगों को नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा। नोटबंदी की वजह से लोगों को काफी दिक्कत हुई और अब नागरिकता कानून पर भी लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में मजदूर इधर-उधर काम करते हैं, अब मजदूर मजदूरी करेगा कि लाइन में खड़ा होकर अपनी नागरिकता साबित करने की कोशिश करेगा।
हेमंत ने कहा, ‘उत्साह का दिन तो है ही, संकल्प लेने का भी दिन है। यहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का दिन है। दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के परिश्रम और समर्पण का परिणाम है। जिस उद्देश्य के लिए यह राज्य बनाया गया था, उसे पूरा करने का वक्त आ गया है।’ उन्होंने कहा कि आगे की नीति गठबंधन दलों के साथ बातचीत के बाद तय होगी। हेमंत ने उनकी पार्टी के साथ कांग्रेस और आरजेडी के महागठबंधन करने पर दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त किया।
आपको बता दें कि 44 साल के हेमंत सोरेन को राजनीति विरासत में मिली है। शिबू सोरेन के दूसरे बेटे हेमंत सोरेन ने अपने बड़े भाई दुर्गा सोरेन की असामयिक मौत के बाद सियासत में क़दम रखा। वे राज्यसभा के सदस्य रहे। विधायक बने और फिर साल 2013 में वे झारखंड के पहली बार मुख्यमंत्री बने।
तब उनकी सरकार को कांग्रेस और आरजेडी ने समर्थन दिया था। झारखंड विधानसभा के मौजूदा चुनाव में भी उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा का कांग्रेस और आरजेडी के साथ महा गठबंधन है।