नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ गुरुवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी इस एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। वहीं, नागरिकता कानून के खिलाफ निकाले जा रहे जुलूस में हिंसा के बाद मंगलुरू में कर्फ्यू लगा दिया गया था। ये कर्फ्यू मंगलुरू के पांच पुलिस थानों में लगाया गया था। इस दौरान पुलिस ने कई पत्रकारों को रोक दिया और उनसे आईडी कार्ड मांगे गए
वहीं दूसरी तरफ केरल स्थित तीन न्यूज चैनलों न्यूज 24, मीडिया वन और एशियानेट के पत्रकार और क्रू को कर्नाटक के मंगलुरू में रिपोर्टिंग से रोक दिया गया था।
वहीं दूसरी तरफ लखनऊ में रिहाई मंच के सदर शोएब अहमद को पुलिस ने गिरफ्तार कर अज्ञात जगह पर रखा है। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने पर अलीमुल्ला खान को हिरासत में लिया। सामाजिक-राजनीतिक एक्टिविस्ट अलीमुल्ला खान को पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया था। अभी तक उनके छूटने का कोई समाचार नहीं है। हालांकि पुलिस ने उन्हें एक दिन बाद छोड़ने का वादा किया था।
लखनऊ में अलीमुल्ला खान भी इस आंदोलन का हिस्सा थे और अपनी टीम के साथ कई तरह की रणनीति पर काम कर रहे थे। लेकिन उन्हें पुलिस हिरासत में ले लिया गया। उन्हें अलीगंज थाने में रखा गया है। सरकार के खिलाफ उठने वाली हर आवाज़ को दबाया जा रहा है।
आपको बता दें कि कल लखनऊ में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारी परिवतर्न चौक चौराहे के पास आ धकमे। सभी ने सरकार पर धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल भाकपा माले केन्द्रीय कमेटी के सदस्य ईश्वरीय कुशवाहा ने कहा कि देश के संविधान में धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया गया है। भाजपा सरकार धर्म के आधार पर देश को बांटने का प्रयास कर रही है। यह भेदभावपूर्ण बदलाव उचित नहीं है।