दिल्ली के ओखला स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्र नए नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन के तीसरे दिन यानी 15 दिसंबर की शाम जब बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी यूनिवर्सिटी से आगे निकलकर जुलैना से भी आगे बढ़ गए तो हालात बेकाबू हो गए। पुलिस के मुताबिक भीड़ ने बसों को आग के हवाले कर दिया गया, जमकर पत्थरबाजी हुई, इसपर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया गया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्हें जेल भेज दिया गया है। जबकि जामियानगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई FIR में सात लोगों के नाम का खुलासा किया गया है।
इसमें कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान को भी आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा FIR में स्थानीय नेता आसु खान, मुस्तफा और हैदर का नाम है। FIR में CYSS स्टूडेंट कासिम उसमानी, AISA के चंदन कुमार और आसिफ तन्हा का भी नाम शामिल है।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि जामिया नगर के एसएचओ के पास शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत की एक कॉपी डीसीपी साउथ ईस्ट को भी भेज दी है। मंगलवार को विश्वविद्याल की कुलपति ने कहा था कि कैंपस में घुसने वाले लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाएगी।
PM मोदी ने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण
यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। कोर्ट ने कहा है कि पहले हिं’सा थमना चाहिये। अगर हिं’सा जारी रही और सरकारी संपत्तियों को यूं ही नुकसान पहुंचाया जाता रहा तो इस पर कोई सुनवाई नहीं की जाएगी। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूरे घटनाक्रम पर कहा कि यह बेहद चिंताजनक व दुर्भाग्यपूर्ण है।