नई दिल्ली: तीन प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के छात्रों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का सोमवार को विरोध किया। आईआईटी कानपुर, आईआईटी मद्रास और आईआईटी बॉम्बे अक्सर प्रदर्शनों में शामिल नहीं होते और इनसे दूर ही रहते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने छात्रों पर पुलिस कार्रवाई का विरोध किया है।
कई शहरों में प्रदर्शन
दिल्ली समेत देश के दूसरे हिस्सों में भी हिंसा की लपटें पहुंचनी शुरू हो गईं। अब उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में भी विरोध प्रदर्शन उ’ग्र हो गया है। मऊ में उ’ग्र भीड़ ने सड़क पर खड़ी कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए हैं। उग्र भीड़ नरेंद्र मोदी और योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इसके अलावा यूपी के कई अन्य जिलों में भी लोगों ने रैलियां निकाली विरोध प्रदर्शन किया। दूसरी तरफ लखनऊ में काफी विवाद बढ़ता जा रहा है ।
आपको बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सोमवार को छात्रों से मार’पीट के विरोध में इंडिया गेट के सामने सड़क पर सांकेतिक धरने पर बैठीं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने संविधान को न’ष्ट कर दिया है। यह देश की आत्मा पर ह’मला है, युवा देश की आत्मा है। विरोध उनका अधिकार है।’ प्रियंका ने कहा, ‘मैं भी मां हूं। आप लाइब्रेरी में घुसते हैं, उन्हें बाहर निकालकर पी’टते हैं। यह अत्याचार है।’
मालूम हो कि आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जामिया वीसी नजमा अख्तर ने कहा कि ऐसी अफवाह है कि दो छात्रों की मौ’त हो गई है, मगर हम इसका पुरजोर तरीके से खंडन करते हैं। हमारे किसी भी विद्यार्थी की मौ’त नहीं हुई है। करीब 200 लोग इसमें घा’यल हुए हैं, जिनमें से बहुत से हमारे विद्यार्थी थे।