अंग्रेज़ी न्यूज़ चैनल टाइम्स नाउ पर आरोप लगा है कि वो बेकसूर कश्मीरी बच्चों की तस्वीर का दुरुपयोग कर उन्हें आतंकी के रूप में दिखा रहा है। इस मामले को लेकर चैनल के खिलाफ श्रीनगर की प्रेस कॉलोनी में प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में कई महिलाएं भी शामिल हुईं।
प्रदर्शन में शामिल एक बुज़ुर्ग ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि टाइम्स नाउ हमारे इलाके के उन बच्चों को अपने शो में आतंकी संगठन का कमांडर बताकर दिखाता है, जिनका आतंक से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं।
उन्होंने बताया कि वह इस मामले को लेकर टाइम्स नाउ के दफ्तर भी गए थे। जहां उन्हें यह जवाब दिया गया कि चैनल को यह तस्वीरें किसी न्यूज़ एजेंसी से मिली हैं। जब चैनल से एजेंसी के बारे में पूछा तो चैनल ने कहा कि उन्हें नहीं पता।
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प्रदर्शन कर रहे बुज़ुर्ग ने बताया कि इस मामले की शिकायत उन्होंने पुलिस में भी की थी। जहां एसएचओ ने उनसे कहा कि उन्हें इस बात की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि चैनल की इस हरकत का बेकसूर बच्चों को खामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है। आतंकी समझकर बच्चों का एनकाउंटर किया जा सकता है। यह स्थिती काफी भयावाह है। चैनल को एजेंसी का नाम बताना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आखिर कैसे एक नेशनल चैनल बिना पुष्टी के निर्दोष बच्चों की तस्वीर एक आतंकी के रूप में दिखा सकता है। हम यहां उस एजेंसी या उस सूत्र का नाम जानने के लिए इकठ्ठा हुए हैं जो हमारे बेकसूर बच्चों को आतंकवादी बताने में लगी है। इसके पीछे की असलियत को हम जानना चाहते हैं।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद ने भी इस मामले को लेकर टाइम्स नाउ पर हमला किया है। उन्होंने चैनल की इस हरकत का ज़िक्र करते हुए कहा कि ‘गोदी मीडिया’ की कोई जवाबदेही नहीं है।