अयोध्या फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आ चुका है। इस फैसले पर मुस्लिम पक्षकार एम सिद्दीकी ने पुनर्विचार याचिका दाखिल भी की है और जल्द ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी रिव्यू याचिका दायर करेगा। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चीफ असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘यह एक हकीकत है, चाहे वहां कुछ भी बने। वहां मस्जिद थी, है और रहेगी।’
अकबरुद्दीन ओवैसी सोमवार रात को मेहदीपटनम में एक जनसभा को संबोधित कर रहा था और जनसभा को संबोधित करने के दौरान ही उसने यह भाषण दिया है। अकबरुद्दीन ओवैसी पहले भी कई बार भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
6 दिसंबर 1992 के दिन कार सेवकों ने बाबरी ढांचा गिराया था और इसी को याद करते हुए अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह हर साल 6 दिसंबर के दिन वह आवाज उठाता रहेगा। ओवैसी ने कहा ‘‘बाबरी मस्जिद की शहादत मुस्लिमों की इबादतगाह या अल्लाह के घर या मस्जिद की शहादत का दिन नहीं है, बल्कि वह दिन हिंदुस्तान धर्मनिरपेक्षता पर हमले का दिन है।’’
आपको बता दें कि अयोध्या मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम पक्षों की तरफ से उच्चतम न्यायालय में पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन को मामले से हटा दिया गया है। फेसबुक पोस्ट के जरिए उन्होंने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, ‘मुझे एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड और जमीयत का प्रतिनिधित्व करने वाले एजाज मकबूल ने बाबरी मामले से हटा दिया है। मैंने बिना आपत्ति के उन्हें खुद को हटाए जाने के निर्णय को स्वीकार करते हुए औपचारिक पत्र भेज दिया है।’ बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सोमवार को अयोध्या मामले पर दिए फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है।